आखिर ऐसा क्या हुआ कि सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत के गृह नगरी बरहेट के संजोरी गांव की रहने वाली आदिवासी समुदाय के बेटी सुशीला हांसदा की अर्धजली लाश दुमका के शिकारीपाड़ा जंगल में फेंका हुआ मिला. जिसमें भी इस खौफनाक मंजूर व तस्वीर को देखा या सुना उसका होस ठिकाने आ गया. इस घटना ने तो साफ कर दिया कि अब सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह नगरी में भी आदिवासी समाज सुरक्षित नहीं है. आखिर कैसे हुई फिर एक बार साहिबगंज की बेटी जिहादी अरबाज अलाम के हवस का शिकार? सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में आने वाली साहिबगंज जिला इन-दिनों बेहद सुर्खियों में है.
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सोशल मीडिया से हुआ प्यार
सबसे पहले तो यह जिला रेबिका पहाड़िन हत्याकांड को लेकर बेहद चर्चा में रहा है. ठीक उसी तरह फिर एक बार लव जिहाद का सनसनीखेज वारदात सामने आया है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि रेबिका पहाड़िन को पच्चास टुकड़े में काटकर उनके प्रेमी दिलदार अंसारी समेत पूरे परिवार वालो ने कई अलग-अलग जगह फेंक दिया था, लेकिन सुशीला हांसदा को उनके जिहादी प्रेमी सह मानव तस्कर अरबाज आलम समेत पूरे गैंग ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया.
शादी के बाद पेट्रोल छिड़कर जलाई लाश
इतना ही नहीं बल्कि आरोपियों के द्वारा साक्ष्य को छुपाने की उद्देश्य से दुमका के शिकारीपाड़ा नामक जंगल में पेट्रोल छिड़ककर उनके लाश को ठिकाना लगा दिया गया, लेकिन जब साहिबगंज पुलिस अधीक्षक अनुरंजन किस्पोट्टा ने इस घटना का खुलासा किया तो सुनकर सबके होश उड़ गए. दरअसल, साहिबगंज जिले के बरहेट थाना क्षेत्र के सिंजोरी गांव की रहने वाली आदिवासी समुदाय की युवती का हत्या करने का सनसनी खेज मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया यानी फेसबुक के माध्यम से पूर्व से शादीशुदा युवती सुशीला हांसदा को देवघर जिले के रहने वाले मुस्लिम समुदाय के एक युवक अरबाज अलाम से प्यार हुआ. सुशीला हांसदा को नहीं पता था कि जिससे उसको प्यार हुआ है, वह मानव तस्करी करने वाले बहुत बड़ा गिरोह का सरदार है. इसके बाद शुरुआती दौर में सुशीला हांसदा मानव तस्कर के चंगुल में फंसते चले गई, लेकिन जबतक सुशीला हांसदा को यह समझ में आता तब तक अत्यधिक विलंब हो चुका था.
दोस्त के घर जाने के बहाने घर से निकली
जानकारी के अनुसार यह भी बताया जा रहा है कि इस घटना के संबंध में उक्त महिला सुशीला हांसदा की खोज मामले में मुआवजा दिलाने को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर बरहेट थाना पुलिस उक्त महिला सुशील हांसदा के घर पहुंची थी. तभी सुशीला हांसदा के छोटे भाई जोनस हांसदा ने पुलिस को बताया था कि उनके दीदी सुशीला हांसदा 11 जनवरी, 2022 को घर से यह कहकर निकली थी कि वह दुमका में एक दोस्त के घर जा रही है. जहां उसका एटीएम छूट गया है. इसके बाद उसका कोई पता नहीं है.
प्रेमी निकला मानव तस्कर
इतना ही नहीं बल्कि सुशीला हांसदा के प्रेमी सह मानव तस्कर अरबाज के साथ दो अन्य युवतियों को भी बरामद करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली. वहीं, गिरफ्तार अरबाज और उसकी पत्नी मीसलता से पूछताछ के बाद मामले में दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के सुंदरा फलान गांव निवासी 26 वर्षीय प्रियंका मुर्मू और कोलहा गांव निवासी 20 वर्षीय साहिल अंसारी उर्फ थाला का नाम सामने आया. दोनों को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.
सुशीला हत्याकांड का खुलासा
वहीं, कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार हुए आरोपियों ने ने सुशीला हांसदा हत्याकांड से जुड़े राज को उगला. उन्होंने पुलिस को बताया कि सोशल मीडिया यानी फेसबुक पर बातचीत के दौरान अरबाज ने शादी करने का झांसा देकर सुशीला को अपने किराए के निवास स्थल शिकारीपाड़ा बुलाया था, जहां अरबाज और उसकी पत्नी मिसलता के अलावे प्रियंका और साहिल भी था.अरबाज के घर सुशीला 11 और 12 जनवरी को थी. वहीं, देर रात अरबाज की बात किसी व्यक्ति से फोन पर हो रही थी, जिस पर सुशीला को बेचने की बात कही जा रही थी. यह बात सुशीला ने सुन ली थी और उसने उन लोगों का विरोध किया. वहीं 13 जनवरी को क्षेत्र में जली हुई लड़की के शव होने की चर्चा क्षेत्र में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई, जिसके बाद शिकारीपाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को बरामद किया और अज्ञात के विरुद्ध शिकारीपाड़ा थाना में कांड संख्यां 7/22 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था.
HIGHLIGHTS
- सुशीला हांसदा हत्याकांड का खुलासा
- सोशल मीडिया से हुआ प्यार
- शादी के बाद पति निकला जिहादी मानव तस्कर
Source : News State Bihar Jharkhand