निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को अपनी अग्रिम जमानत के लिए अब अगले साल के जनवरी माह तक इंतजार करना होगा. शीर्ष अदालत में आइएएस पूजा सिंघल की ओर से दायर जमानत याचिका पर सोमवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एस ओका की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया गया है. शीर्ष अदालत ने जमानत को लेकर दिए स्वास्थ्य समस्याओं के दिए हवालों की जांच के दिए निर्देश दिये हैं. अब मामले की अगली सुनवाई 02 जनवरी 2023 को होगी.
आपको बता दें कि, तीन नवंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने आइएएस पूजा सिंघल को जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद पूजा सिंघल ने शीर्ष अदालत की ओर रूख किया था. मई के अंतिम सप्ताह से पूजा सिंघल इडी की हिरासत में हैं. उन पर मनरेगा घोटाला, अवैध खनन घोटाला और मनी लाउंड्रिंग का आरोप है, जिसको लेकर इडी ने पांच हजार पृष्ठों से अधिक का चार्जशीट भी पीएमएलए कोर्ट में दाखिल किया है. इडी की ओर से पूजा सिंघल के 87.88 करोड़ की चल-अचल संपत्ति की औपबंधिक अटैचमेंट भी की गयी है और झारखंड सरकार से निलंबित आइएएस पर आय से अधिक मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया गया था .
अगर कानूनी विशेषज्ञों की मानें तो पूजा सिंघल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने का पूरा अधिकार है, क्योंकि विवेचना पूरी की जा चुकी है और ईडी द्वारा बहुत पहले चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. वहीं, हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ही पूजा सिंघल के पास अंतिम विकल्प था. अब वो दोबारा हाईकोर्ट में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत याचिका नोट प्रेस किए बिना जमानत याचिका दाखिल नहीं कर सकतीं. कुल मिलाकर सुप्रीम कोर्ट से पूजा सिंघल को जमानत मिलना लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, ये हो सकता है कि सुप्रीम कोर्ट पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर अंतिम निर्णय लेने से पहले संबंधित अभियोजन पक्ष यानि ईडी से विवेचना से जुड़े रिपोर्ट मांग सकती है और इसके लिए पूजा सिंघल की जमानत याचिका पर सुनवाई कुछ समय के लिए टाल सकती है.
रिपोर्ट - अमित चौधरी
Source : News State Bihar Jharkhand