सरायकेला में खेतों तक नहीं पहुंच रहा सिंचाई का पानी, अधिकारियों पर लगे ये आरोप

सरायकेला में इन दिनों किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिस सिंचाई विभाग के पास ये जिम्मेदारी होती है वही विभाग किसानों की परेशानी का कारण बन रहा है.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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सरायकेला में इन दिनों किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. जिस सिंचाई विभाग के पास ये जिम्मेदारी होती है वही विभाग किसानों की परेशानी का कारण बन रहा है. सरायकेला के अन्नदाता भ्रष्ट सरकारी तंत्र का शिकार हो रहे हैं. किसानों के खेतों में दरारें पड़ रही है. फसल बर्बाद होने की कगार पर है, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों के कानों तले जूं तक नहीं रेंग रही. सिंचाई विभाग के अधिकारियों के चलते किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है. आलम ये है कि बेबस अन्नदाता आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं.

जिले के चांडिल अनुमंडल में मौजूद स्वर्णरेखा परियोजना के तहत जिले के किसानों को पानी उपलब्ध कराना था, लेकिन खुद सिंचाई विभाग किसानों की मुसीबत का कारण बन रहा है, लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि अधिकारियों की लापरवाही नहीं बल्कि पैसों का भगुतन ना होने के चलते सिंचाई का पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इसकी पड़ताल करने के लिए जब मीडिया की टीम सिंचाई विभाग पहुंची. तो विभाग के सर्वोच्च पद पर बैठे कार्यपालक अभियंता सुरज भुषण अपने दफ्तर से नदारद थे. वहीं, कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों की मानें तो बीते गुरुवार से ही सूरज भूषण दफ्तर नहीं आए हैं.

इतने में हमारी टीम ने कार्यालय का चक्कर लगाते एक ठेकेदार को भी देखा. जब उनसे कुछ पूछताछ की गई तो बातों ही बातों में सरकार के सिपहसालारों की पोल खुल गई. चैक कैनाल डैम का निर्माण करने वाले ठेकेदार ने बताया कि सितंबर 2022 में ही उन्होंने कैनल और उसमें निर्माण कराए गए गेट का काम खत्म कर लिया है. सरकार की ओर से भी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है, लेकिन पदाधिकारियों की कारगुजारी का नतीजा ये है कि उन्हें अभी तक कोई भी पैसे का भुगतान नहीं किया गया है. लिहाजा ना तो डैम से पानी छोड़ा गया और ना ही खेतों तक पानी पहुंच पाया है.

आला अधिकारियों को तो झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री ने फंड आवंटित कर दिया है, लेकिन मलाई खाने के चक्कर में अधिकारी काम करने वाले ठेकेदारों को पैसे नहीं दे रहे हैं. जिसका दंश जिले के किसान झेलने को मजबूर हो गए हैं.

बहरहाल, अगर अभी भी जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदारों को भुगतान कर दे तो उनके खेतों तक पानी पहुंच सकता है. हालांकि अधिकारियों के रवैये को देख कहना मुश्किल है कि किसानों को कोई राहत मिलेगी. 

रिपोर्ट : बीरेंद्र मंडल

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HIGHLIGHTS

.खेतों तक नहीं पहुंच रहा सिंचाई का पानी
.सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप
.ठेकेदारों को नहीं किया पैसों का भुगतान
.बनाए नाले का नहीं हो रहा इस्तेमाल
.नाले के जरिए ही खेतों तक पहुंचेगा पानी
.सिंचाई ना होने से किसान परेशान

Source : News State Bihar Jharkhand

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