गुमला में सड़क निर्माण के नाम पर ना सिर्फ सरकारी पैसों की लूट-खसूट हो रही है बल्कि आम जनता की जान से भी खिलवाड़ किया जा रहा है. जिले में करोड़ों की लागत से बनने वाला बाईपास बीरबल की खिचड़ी बन गया है. बीते 8 सालों से इसका निर्माण हो रहा है और आज भी निर्माण अधूरा है. सिर्फ 12 किलोमीटर की सड़क के लिए 8 साल का समय, सुनने वालों के भी होश उड़ जाते हैं. हालांकि यहां समस्या सिर्फ समय नहीं है बल्कि सड़क की गुणवत्ता भी है, जो कि अधिकारियों और ठेकेदारों ने भगवान भरोसे छोड़ रखा है.
12 किमी की सड़क नहीं हो सकी पूरा
ये हालात तब हैं जब झारखंड के निर्माण के भी पहले से इस सड़क की मांग की जाने लगी थी. राज्यनिर्माण के बाद तत्कालीन सीएम बाबूलाल मरांडी ने इसकी आधारशिला रखी, लेकिन आज तक सड़क निर्माण पूरा नहीं हो पाया. ऊपर से सड़क किनारे हो रहे कटाव के चलते आए दिन हादसे का डर सताता रहता है.
कटाव के चलते सताता है हादसे का डर
स्थानीय लोगों की मानें तो यहां लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. वहीं, जब इसको लेकर NEWS STATE की टीम ने एनएच के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर शाह से बात की तो उनके जवाब से अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं था कि अधिकारियों की लापरवाही किस हद तक है. दरअसल साहब को इस बायपास के हालत की जानकारी ही नहीं थी. वहीं, जिले के डीसी इस पर कुछ भी बोलने से परहेज करते दिखे. अधिकारियों की ये लापरवाही कई सवाल खड़े करती है. सवाल ये कि आखिर 12 किलोमीटर की सड़क 8 सालों में भी क्यों नहीं बन पाई. सड़क निर्माण के दौरान कटाव रोकने के लिए कोई पहल क्यों नहीं की गई. अगर कटाव के चलते कोई बड़ा हादसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह
HIGHLIGHTS
- सड़क है या बीरबल की खिचड़ी?
- 8 साल से अधूरा है बायपास का काम
- 12 किमी की सड़क नहीं हो सकी पूरा
- कटाव के चलते सताता है हादसे का डर
Source : News State Bihar Jharkhand