Founder Day of Jamshedpur: 3 मार्च को जमशेदपुर का संस्थापक दिवस, तैयारियों में लगे सभी
जमशेदपुर में 3 मार्च को संस्थापक दिवस मनाया जाता है, जिसको लेकर लौहनगरी को दुल्हन की तरह ही सजाया जा रहा है. जमशेदपुर नगरी को टिमटिमाती लाइटों से सजाया जा रहा है.
जमशेदपुर में 3 मार्च को संस्थापक दिवस मनाया जाता है, जिसको लेकर लौहनगरी को दुल्हन की तरह ही सजाया जा रहा है. जमशेदपुर नगरी को टिमटिमाती लाइटों से सजाया जा रहा है. टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना जमशेदपुरजी टाटा ने की थी. टिस्को ने 1911 में लोहे का उत्पादन शुरू किया और जमशेदजी के टाटा समूह की एक शाखा के रूप में 1912 में स्टील का उत्पादन शुरू हुआ. 1919 में लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने अपने संस्थापक जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम बदलकर, जो मूलरूप से साकची था. उसे जमशेदपुर कर दिया. जिसके बाद से 3 मार्च को हर साल संस्थापक दिवस धूमधाम से मनाया जाता है. जिसको लेकर टाटा प्रबंधन युद्ध स्तर पर तैयारियों में लगा हुआ है.
लोगों को बेसब्री से इंतजार
इस पल को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. शहर के लोगों को इस मौके पर कई सौगात दी जाती है. जिसको लेकर यहां के लोग इस कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. जिसे वो कुछ इस तरह से बयां भी कर रहे हैं.
रंग-बिरंगी लाइटों से सजा जमशेदपुर शहर
संस्थापक दिवस को लेकर जमशेदपुर शहर को दुल्हन की तरह सजाया और संवारा जा रहा है. शहर के जुबली पार्क को रंग-बिरंगे बिजली की लाइटों से सजाया गया है. वहीं, पूरे शहर के चौक चौराहों के साथ-साथ सड़कों के पास भी रंग-बिरंगी लाइटों से साज-सज्जा की गई है. वहीं, इस शहर को क्लीन एंड ग्रीन सिटी के नाम से भी जाना जाता है.
दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं जमशेदपुर
इसको ध्यान में रखते हुए पूरे शहर को साफ-सुथरा भी किया जा रहा है. स्थापना दिवस के मौके पर जमशेदपुर की पूरी कहानी दिखाई जाती है ताकि यहां की युवा पीढ़ी को शहर की कहानी की जानकारी मिल सके. इस कार्यक्रम को देखने उड़ीसा, बिहार, छत्तीसगढ़ के लोग भी यहां पहुंचते हैं.