इस साल झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टीयां अभी से रणनीति बनाने में जुट गई है. राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रिय पार्टीयां तक राज्य की सत्ता पर काबिज होने के हर पैंतरे अपनाने में लगी हुई है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार को चुनाव आयोग की तरफ से करारा झटका लगा है. दरअसल, चुनाव आयोग ने झारखंड में जेडीयू के सिंबल पर बैन लगा दिया है. इसका मतलब है कि अब झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू अपने सिंबल पर चुनाली मैदान में नहीं उतर पाएगी.
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बता दें कि चुनाव आयोग ने ये फैसला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की शिकायत पर लिया है. जेएमएम ने भारतीय चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि जेडीयू और जेएमएम का चुनाव सिंबल (चुनाव चिह्न) एक ही तरह का है, जिससे जनता में भ्रम पैदा होगा.
जेडीयू का चुनाव चिन्ह तीर का निशान है. जबकि जेएमएम का चुनाव चिन्ह धनुष है. इसको लेकर जेएमएम ने 24 जून को चुनाव आयोग में अर्जी दी थी. जेएमएम का कहना था कि जेडीयू का सिंबल उनकी पार्टी से मिलता-जुलता है, इससे मतदाता भ्रमित होगा. जेएमएम ने चुनाव आयोग ने जेडीयू का सिंबल फ्रीज करने की मांग की थी. अब जेएमएम ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है.
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मालूम हो कि जेडीयू का चुनाव चिन्ह तीर का निशान है और जेएमएम का चुनाव चिन्ह धनुष है. जिसके बाद जेएमएम ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि जेएमएम और जेडीयू के चुनावी चिन्ह में काफी समानता है, जिसकी वजह से मतदाता कंन्फ्यूज हो सकते है. इसके बाद जेएमएम ने चुनाव आयोग ने जेडीयू का सिंबल फ्रीज करने की मांग की थी.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने पर फैसला किया है.