झारखंड विधानसभा की कार्यवाही का नौवां दिन पूरी तरह से हंगामे के ही नाम रहा. चाहे प्रथम पाली हो या द्वितीय पाली दोनों ही पाली में, सदन हंगामे की भेंट चढ़ता रहा. सदन से ग्रामीण कार्य विभाग, पथ निर्माण विभाग, पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग का बजट चर्चा के बाद सदन से पास होना था. वहीं, हंगामे की वजह से बिना चर्चा के ही इन विभागों के बजट पास हो गए. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष के विधायक ही इस बात को लेकर सदन में शोर शराबा मचाते हुए विधानसभा अध्यक्ष से मांग करने लगे. विपक्ष के विधायकों को अगर चर्चा में भाग लेना है तो सदन में बीजेपी के विधायक भगवा रंग का स्लोगन लिखा हुआ टी शर्ट पहले उतारें, फिर चर्चा में भाग लें. इसी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच बेल में तू तू मैं मैं हुआ और अध्यक्ष को सदन बार-बार स्थगित करना पड़ा.
नौवां दिन पूरी तरह से हंगामे के ही नाम रहा
बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग पर चर्चा होनी थी पर ये पहली बार देखने को मिला कि सत्ता पक्ष के द्वारा की सदन में अव्यवस्था फैलाया गया. विपक्ष को सदन में बोलने नहीं दिया गया, जबकि हम लोग चर्चा में भाग लेना चाहते थे. ये सरकार डरी हुई है. अगर सरकार कहे कि वो 1932 को लेकर आ रहे हैं, तब हम लोग इस टी शर्ट को खोल देगें.
पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि तीन दिन से सदन पूरी तरह से बाधित है. लोगों के सवाल सदन में नहीं आ रहे हैं. सरकार से पूछा जाता तो सरकार सदन में ज्यादा फंसती. मंत्री मिथलेश ठाकुर ने विपक्ष के आरोप पर कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है पर विपक्ष का आचरण ठीक नहीं. विपक्ष के लोगों पर तो पहले ही कार्रवाई होनी चाहिए थी. सत्ता पक्ष की तरफ से आज जो सवाल उठाया गया. अगर नहीं उठाया जाता तो ये परिपार्टी बन जायेगी. विपक्ष को तो बहाना चाहिए वॉक आउट का. वहीं, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे ने कहा कि सत्ता पक्ष का दायित्व है, सदन सुचारू रूप से चलें, पर विपक्ष खुद कन्फ्यूज है.
HIGHLIGHTS
- नौवां दिन चढ़ा हंगामे की भेंट
- पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर लगाया आरोप
- बिना चर्चा के कई बजट हुए पास
Source : News State Bihar Jharkhand