झारखंड विधानसभा की कार्यवाही इस बार कम दिनों में ही निपट गई. 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा कम अवधि की कार्यवाही को लेकर हमेशा से चर्चित में रही है. इस बार 3 सितंबर से शुरू हुआ विधानसभा सत्र सिर्फ 5 दिनों का ही रहा है, जिसमें पहला दिन श्रद्धांजलि देने की औपचारिकता में निकल गया और बीच में रविवार की छुट्टी थी. इस तरह से पांच दिवसीय विधानसभा की कार्यवाही में 3 दिन इस बात को लेकर प्रदर्शन और हंगामे में निकल गए कि विधानसभा अध्यक्ष ने सिर्फ तीन मुस्लिम संप्रदाय के विधायकों के लिए एक नमाज कक्ष का आवंटन क्यों किया? वहीं, विपक्षी पार्टी भाजपा को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया और कभी उसके विधायक भजन कीर्तन कर रहे हैं तो कभी विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बीजेपी के नेता लगातार यह मांग कर रहे हैं कि जब नमाज कक्ष दिया जा सकता है तो उन्हें भी हनुमान मंदिर बनाने की जगह दी जाए. लेकिन, अंदर की बात यह बताई जाती है कि भाजपा विधानसभा में हंगामा खड़ा कर पूर्व सीएम रघुवर दास जो झारखंड स्थापना दिवस के पूर्व हुए सुनीधि चौहान के कार्यक्रमों और स्थापना दिवस के दिन बांटे गए सामानों में कथित घोटाले के आरोपी हैं, को विधानसभा की सीधी कार्रवाई से बचाना चाहती है. उनको उनकी विधानसभा सीट से निर्दलीय रूप से हराने वाले पूर्व भाजपाई सरजू राय उन पर लगातार हमलावर हैं.
राजनीतिक पंडितों का यह मानना है कि इसमें सत्ता पक्ष की भी मिलीभगत है, ताकि संसद की तरह विधानसभा की कार्यवाही चले ही नहीं और सरकार अपनी नाकामियों का जवाब देने से बच जाए. उल्लेखनीय है कि इस हंगामे के बीच अनुपूरक बजट बिना बहस के पास हो गया.
झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कमरा दिए जाने पर बीजेपी उग्र, दिया यह बयान
झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने के मुद्दे पर अब बीजेपी के साथ ही हिंदू संगठनों के तेवर भी तल्ख हो चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद और हिंदू महासभा ने सीधे तौर पर आरोप लगाते हुए कहा है झारखंड की सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए संविधान की मर्यादा का उल्लंघन कर रही है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने झारखंड विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए अलग व्यवस्था किए जाने का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने झारखंड सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इस को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने आरोप लगाते हुए कहा यह वही लोग कर रहे हैं जो ईसाई मिशनरियों को बढ़ावा देते हैं और धर्मांतरण करवाते हैं. इस तरह से लोकतंत्र के मंदिर में मुस्लिम तुष्टिकरण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं विश्व हिंदू परिषद ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम बाहुल्य जम्मू कश्मीर में भी नमाज पढ़ने के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है, लेकिन झारखंड सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण अलग नमाज पढ़ने की व्यवस्था करा रही है. उन्होंने आगे कहा कि कल को अगर मस्जिद बनाने की बात वह करें तो फिर क्या विधानसभा के अंदर मस्जिद भी बनेगा.
Source : Sunil Badal