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'सरना आदिवासी धर्म कोड' पारित, कांग्रेस MLA ने BJP का किया समर्थन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को शीघ्र भेजकर 2021 की जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड का अलग कॉलम शामिल करने का अनुरोध करेगी.

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Shailendra Kumar
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Jharkhand Assembly

'सरना आदिवासी धर्म कोड' प्रस्‍ताव पारित( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में बुधवार को 'सरना आदिवासी धर्म कोड' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, जिसे अब राज्य सरकार केन्द्र के पास विचार के लिए भेजेगी. इससे वर्ष 2021 की जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड का अलग से कॉलम शामिल किया जा सकेगा. राज्य सरकार द्वारा बुधवार को बुलाये गये झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में विपक्ष के कुछ संशोधनों के साथ सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

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लागू कराने को केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को शीघ्र भेजकर 2021 की जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड का अलग कॉलम शामिल करने का अनुरोध करेगी. मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व विधानसभाध्यक्ष सीपी सिंह एवं नीलकंठ सिंह मुंडा ने प्रस्ताव पारित करने से पूर्व इस पर समग्र चर्चा कराये जाने की मांग की जिस पर विधानसभाध्यक्ष भी हीलाहवाली करते नजर आये, लेकिन विपक्ष का दबाव बढ़ता देखकर अंततः सोरेन ने हस्तक्षेप किया और कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा कराने से सरकार को कोई परहेज नहीं है.

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‘सरना अथवा आदिवासी’ शब्दों को हटाने की मांग

विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने इस प्रस्ताव पर पहले चर्चा के विपक्ष की मांग को स्वीकार कर इस पर चर्चा प्रारंभ करायी. चर्चा शुरू होने पर विपक्ष से भाजपा के विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, सीपी सिंह और अमर कुमार बाउड़ी सहित अन्य विधायकों ने इस प्रस्ताव से ‘सरना अथवा आदिवासी’ शब्दों को हटाने के लिए संशोधन पेश किया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1961 में उनके शासन काल के समय ही जनगणना के कॉलम में अन्य का विकल्प हटाया गया था.

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कांग्रेस विधायक ने बीजेपी की मांग का किया समर्थन 

कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की ने भी प्रस्ताव से आदिवासी शब्द हटाने की भाजपा की मांग का समर्थन किया. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा की सरकार संवेदनशील है और जन भावनाओं को देखते हुए विपक्ष के संशोधन को स्वीकार करने को राजी है. जिसके बाद संशोधित आदिवासी सरना धर्म कोड प्रस्तुत किया गया जिसे विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.

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प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ

सोरेन ने कहा कि इस सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना 2021 में शामिल कराने के लिए सत्ता पक्ष के सभी विधायक केंद्र सरकार और गृह मंत्री से मिलकर अनुरोध करेंगे जिससे पूरे देश में यह संदेश जाएगा कि झारखंड की सरकार देश के आदिवासियों के लिए संवेदनशील है. भाजपा की ओर से सीपी सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, अनंत ओझा और विरंची नारायण ने प्रस्ताव के पक्ष में अपनी बातें रखीं. पार्टी ने इस संशोधित प्रस्ताव का पूरी तरह समर्थन किया. 

Source : Bhasha/News Nation Bureau

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