झारखंड के गिरिडीह में पचंबा थाना क्षेत्र के हटिया रोड में लगभग 150 हिंदू परिवारों ने अपने-अपने घरों के बाहर मकान बिक्री है, का पोस्टर चिपका दिया है। सांप्रदायिक झड़प के बाद पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए पचंबा बाजार बंद रखा। पचंबा के हटिया रोड में 12 जून की रात छेड़छाड़ के मामले को लेकर दो समुदायों के बीच जमकर पथराव हुआ था। इस दौरान पचंबा की दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई थी। पुलिस पदाधिकारियों को मोर्चा संभालना पड़ा था।
इस मामले में पुलिस ने दो नाबालिग समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर दूसरे दिन सोमवार को हजारीबाग रिमांड होम और गिरिडीह जेल भेज दिया था। पुलिस की कई कार्रवाई को एक समुदाय के लोग एकपक्षीय कार्रवाई करार देकर आंदोलित हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग आए दिन होनेवाली पत्थरबाजी, छेड़खानी और निर्दोषों के ऊपर एफआईआर की घटना से त्रस्त हैं। जिसके बाद उन लोगों ने सामूहिक रूप से अपने घरों को बेचकर जाने का फैसला लिया है। लोगों का आरोप है कि दोषी अब भी बाहर घूम रहे हैं और पुलिस ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसा थाना के ही एक दलाल के इशारे पर हुआ है। लोगों का कहना है कि बगल मोहल्ले के समुदाय विशेष के लड़के अक्सर हटिया रोड आकर विवाद खड़ा करते हैं, और प्रशासन भी उनके और राजनीतिक प्रभाव में आकर निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करती है। लिहाजा वे लोग घर बेचकर कहीं और चले जाएंगे।
नाम नहीं छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने थाना में दलाली करनेवाले व्यक्ति का नाम भी बताया और कहा कि किसी भी प्रकार की घटना में वह जानबूझ कर निर्दोष युवकों का नाम जोड़वा देता है। थाना के लोग भी उसी के प्रभाव में काम करते हैं। जिससे वह मनमानी करता है, और लोगों को फंसाने का काम करता है। अगल बगल के समुदाय विशेष के युवक आकर हटिया रोड में जान बूझकर छेड़खानी, पत्थरबाजी की घटना को अंजाम देते हैं। वहीं पुलिस जहां घटना होती है, वहीं के लोगों का नाम उसके कहने पर घटना में जोड़ देती हैं।
Source : News Nation Bureau