झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के 5वें दिन कार्यवाही के दौरान झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों के रोकथाम और निवारण के उपाय ) विधेयक 2023 सदन के पटल पर रखा गया और पारित भी हुआ. इस दौरान माले विधायक विनोद सिंह ने इस विधेयक को छात्र हित में न बताते हुए इसमें संशोधन की मांग रखी. जबकि बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने भी इस विधेयक को छात्रों के खिलाफ बताते हुए काला कानून बताया. इसमें संशोधन की मांग के लिए इसे विधानसभा के प्रवर समिति में भेज कर इसके अध्ययन कराने की मांग की है. वहीं, आजसू विधायक लंबोदर महतो ने भी इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग विधानसभा अध्यक्ष से की.
'प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023' विधानसभा से पास
बीजेपी विधायक अमर बाउरी ने भी इस विधेयक पर आपत्ति जताते हुए कहा, अगर ये विधेयक पास होता है तो ये छात्रों के लिए काला दिन होगा और छात्रों के लिए आत्मघाती कदम होगा. इस बिल में ऐसे क्या प्रवाधन हैं, जिससे विवाद हो रहा है. दरअसल, बिल के जरिए कठोर कानून बनाकर परीक्षा में नकल और पेपर लीक रोकने की कवायद होगी. अगर कोई परीक्षार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में नकल करते पकड़ा गया, तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान होगा.
सदन में पूर्ण बहुमत से पास हुआ विधेयक
किसी अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए पाए जाने पर भी सजा का प्रावधान होगा. आरोपी परीक्षार्थियों को 3 साल तक कारावास, 5 लाख तक जुर्माने का प्रावधान होगा. जुर्माना नहीं देने पर परीक्षार्थी को 9 महीने अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. दूसरी बार नकल करते या करवाते पाए गए तो 7 साल की सजा, 10 लाख तक जुर्माने का प्रावधान होगा. वहीं, पेपर लीक करनेवालों को भी कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा का प्रबधान होगा. इसके लिए एक करोड़ से लेकर दो करोड़ रुपये तक आर्थिक दंड का भी प्रावधान होगा. दंड की रकम नहीं चुकाने पर अतिरिक्त तीन साल की सजा होगी.
HIGHLIGHTS
- 'प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023' विधानसभा से पास,
- नकल करने वालों की खैर नहीं
- सदन में पूर्ण बहुमत से पास हुआ विधेयक
Source : News State Bihar Jharkhand