झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए राज्य से 11,800 श्रमिकों की भर्ती को लेकर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को अनुमति दी है. सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि श्रमिकों के कल्याण को लेकर लिखित आश्वासन मिलने के बाद यह स्वीकृति दी गई है. झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के सूत्रों ने बताया कि झारखंड भविष्य में सभी भर्तियों में श्रमिकों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ के साथ अपनी तरह के पहल समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर करने वाला है.
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सोरेन ने कहा, 'हम हमारे श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमारे आदिवासी भाइयों ने लंबे समय तक राष्ट्र की सेवा की है और उसकी सीमाओं का निर्माण किया है. हम हमारे मजदूरों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में भेज रहे हैं लेकिन उनके सम्मान, कल्याण अधिकार, लाभ और गरिमा के साथ किसी तरह के समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है और साथ ही हमने इसे भी प्राथमिकता दी है कि राष्ट्र की सेवा करते वक्त हमारे श्रमिकों का सम्मान, गरिमा और अधिकार संरक्षित रहें.'
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सीएमओ के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य के श्रम विभाग की ओर से तैयार समझौता ज्ञापन बीआरओ की ऊंचाई इलाकों वाली परियोजनाओं पर काम करने जा रहे श्रमिकों के लाभ एवं कल्याण को सुरक्षित करने वाली संस्थागत रूपरेखा सुनिश्चित करेगा. उन्होंने कहा कि बीआरओ ने जिन 11,815 श्रमिकों की भर्ती का अनुरोध किया है उनकी जरूरत लद्दाख में ऑपरेशन विजयक (करीब 8,000 श्रमिकों की जरूरत), उत्तराखंड में प्रोजेक्ट शिवालिक, हिमाचल प्रदेश में प्रोजेक्ट दीपक, जम्मू-कश्मीर में प्रोजेक्ट बीकन के लिए है. सीमाई इलाकों में सड़क परियोजनाएं महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये ऐसे समय में चल रही हैं जब पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत की सेनाओं के बीच तनाव है.
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रक्षा मंत्रालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने 22 मई को रेलवे को पत्र लिखकर श्रमिकों को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों तक पहुंचाने के लिए 11 विशेष रेलगाड़ियों का प्रबंध कराने को कहा था. सूत्रों ने बताया कि बीआरओ ने झारखंड सरकार से कहा है कि रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद वह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा.
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