झारखंड सरकार (Jharkhand Government) ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में कराने के लिए आदेश दे दिया गया है तथा इन अस्पतालों में मरीजों का इलाज चल भी रहा है. झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं न्यायमूर्ति एस एन प्रसाद की खंड पीठ के सामने राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) के निर्देश के आलोक में सभी निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज शुरू करने का आदेश दिया गया है. निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज शुरू भी हो गया है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के आलोक में सभी काम किए जा रहे हैं. अदालत इस बाबत दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सरकार की ओर से बताया गया कि प्रवासी मजदूरों की जांच की जा रही है. जिन प्रवासी मजदूरों में प्रारंभिक लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं, उन्हें घर पर पृथकवास में रहने के लिए कहा गया है.
जीवन के साथ जीविका भी चाहिएः वित्त मंत्री
उधर, झारखंड के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने मंगलवार को कहा कि जीवन के साथ जीविका भी चाहिए, क्योंकि आधुनिक परिस्थिति में जीविका के बिना जीवन पर भी संकट आना स्वभाविक है, जिसे देखते हुए आर्थिक गतिविधियों को गति देने की कोशिश निरंतर जारी है.
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प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उरांव ने कहा कि लॉकडाउन-3 के बाद कुछ अन्य रियायत और छूट देने के संबंध में प्रधानमंत्री का निर्देश सुनने के बाद उसी के अनुरूप झारखंड सरकार फैसला लेगी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से निर्माण कार्यां में छूट दी गयी थी, लेकिन निर्माण कार्य के लिए जरूरी सीमेंट और छड़ को लेकर कठिनाई हुई, अब और अधिक छूट मिलने की उम्मीद है, ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके. उन्होंने कहा कि हालांकि इन छूट के बावजूद आवश्यक एहतियात बरतना जरुरी है.
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