Advertisment

उत्पाद विभाग की वजह से  झारखंड सरकार को हुआ 550 करोड़ का घाटा!

सूबे के मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो ने भी इस बात को माना है कि विभाग इस बार घाटे में हैं.

author-image
Shailendra Shukla
एडिट
New Update
hemant soren

झारखंड सरकार को हुआ 550 करोड़ का घाटा( Photo Credit : सोशल मीडिया)

Advertisment

किसी भी राज्य की आर्थिक स्थिति संभाले रखने में एक महकमा सबसे ज्यादा योगदान करता है और वो है उत्पाद विभाग लेकिन इसी उत्पाद विभाग ने झारखंड की हेमंत सरकार को 550 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है. सीएम हेमंत सोरेन द्वारा बनाई गई नई उत्पाद नीति के तहत राजस्व की समीक्षा की गई और जो नतीजे सामने आये वो हैरान करने वाले थे. सरकार को 550 करोड़ का घाटा हुआ. फिर क्या था सूबे के सीएम हेमंत सोरेन ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई और जल्द ही टारगेट पूरा करने को कहा है.

सीएम हेमंत सोरेन ने उत्पाद दुकान संचालकों के प्रति भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा है कि उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मियों का बकाया वेतन जल्द से जल्द दिया जाए साथ ही मैन पावर सप्लाई करने वाली एजेंसी इस बात को भी सुनिश्चित करें कि खुदरा उत्पाद दुकानों में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन आगे से बकाया नहीं रहे. सीएम ने स्पष्ट कहा है कि उत्पाद दुकानों के संचालक अगले 15 दिनों के भीतर कार्यशैली में सुधार लाएं, नहीं तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

इसे भी पढ़ें-कोडरमा में 1.5 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला, सदर थाना में मामला हुआ दर्ज

मद्य निषेध मंत्री ने भी माना, हुआ है घाटा

वहीं, सूबे के मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो ने भी इस बात को माना है कि विभाग इस बार घाटे में है. उन्होंने बताया कि इस बार राजस्व का टारगेट 1600 करोड़ था लेकिन 1084 करोड़ का राजस्व ही सरकार को मिल पाया है जो  बेहद कम है. मंत्री जगरनाथ महतो ने झारखंड में छत्तीसगढ़ के सुमित फैसेलिटीज कंपनी के सिंघानिया बंधु  को टारगेट पूरा करने का अल्टीमेटम तक दे डाला है. साथ ही ये भी चेतावनी दी है कि अगर समय पर टारगेट पूरा नहीं किया जाता है तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. 

इसे भी पढ़ें-शहीद निर्मल महतो अस्पताल का हाल, इमरजेंसी वार्ड में चूहे नोचते हैं शव!

क्या कहते हैं शराब दुकानों के संचालक

वहीं, राजस्व में नुकसान होने पर विभाग द्वारा आवंटित शराब दुकान संचालित करनेवाले लोगों ने कहा कि पहले की अपेक्षा बिक्री में काफी कमी आई है और यही कारण है कि झारखंड में कंपनी ने एजेंसी ली है. कंपनी के द्वारा बाहर से ठेकों में शराब होलसेल किए जा रहे है, जिसे ग्राहक लेना नही चाह रहे है और यही कारण है कि कंपनी द्वारा दिए गए टारगेट को दुकानदार पूरा करने में असमर्थ हो रहे हैं. बाहरी कंपनी द्वारा राज्य में लिए गए शराब के ठेके का राजस्व से सिर्फ अपना खजाना भरने में लगे हुए हैं । शराब से मिल रहे राजस्व का  हिसाब किताब भी कंपनी द्वारा विभाग को अभी तक नहीं दिया गया है और झारखंड के ठेके में काम कर रहे सेल्समैन्स को भी आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा बीते 7 माह से वेतन नहीं दिया गया है.

रिपोर्ट: सूरज कुमार

HIGHLIGHTS

. उत्पाद विभाग की वजह से सरकार को 550 करोड़ का घाटा

. सरकार ने एजेंसी को टारगेट पूरा करने को कहा

. टारगेट ना पूरा करने पर ब्लैक लिस्टेड हो जाएगी एजेंसी

Source : News State Bihar Jharkhand

jharkhand-news Jharkhand government jharkhand hindi news Excise Department of Jharkhand Minister Jagarnath Mahto
Advertisment
Advertisment
Advertisment