अगर झारखंड सरकार के पैसों की बर्बादी देखनी हो तो जमशेदपुर शहर आ जाइए, जहां आपको करोड़ों की गाड़ियां पार्किंग एरियाज़ में धूल फांकती दिख जाएंगी. झारखंड में केंद्र हो या राज्य सरकार, आवाजाही आसान करने के लिए और दूर दराज के गांवों को भी मुख्यबाजारों को जोड़ने के लिए पहल तो बहुत की गई, लेकिन ये पहल जमीनी स्तर पर ढाक के तीन पात ही साबित हुए. इसका पूरा श्रेय विभागीय अधिकारियों को जाता है. जिनकी लापरवाही जनता के लिए दंश बन गई है.
पार्किंग यार्ड में जर्जर बन रही बसें
जमशेदपुर शहर के शेर घोड़ा स्थित पार्किंग यार्ड में सरकार की ओर से करोड़ों में खरीदी गई बसें कबाड़ में तब्दील हो गई है. 12 साल पहले केंद्र सरकार की ओर से 50 सिटी बसें दिलवाई गई थी, लेकिन सड़कों पर दौड़ने के बजाय ये बसें पार्किंग यार्ड में धूल फांक रही है. ये हाल सिर्फ बसों का नहीं है. एक साल पहले 35 ई-ऑटो भी खरीदे गए थे, जो आज रखे-रखे कबाड़ बनने की कगार पर हैं. करीब 1 करोड़ की लागत से खरीदे गए ई-ऑटो को ऐसे ही छोड़ दिया गया है और इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि इन्हें चलाने के लिए कोई नहीं मिल रहा है.
करोड़ों की बर्बादी
हैरत की ही बात है कि अधिकारी आज तक ई-ऑटो चलाने वाले काबिल लोगों को नहीं ढूंढ पाए. जबकि शहर में कई गरीब युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. वहीं, धूल फांक रही बसों और ऑटोज़ को देखकर शहर के युवाओं में आक्रोश है. उनका कहना है कि एक तरफ तो युवा रोजगार के लिए जद्दोजहद करते हैं और दूसरी ओर विभाग की लापरवाही के चलते सैंकड़ों गाड़ियां बर्बाद हो रही है. साथ ही ये जनता के पैसों की भी बर्बादी है.
वहीं, अब मामले को लेकर सियासी वार-पलटवार भी तेज हो गया है. जहां बीजेपी ने सरकार और विभाग पर सवाल खड़े किए हैं और सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. वहीं, कांग्रेस ने भी बीजेपी के वार पर पलटवार करते हुए बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दे दी.
रिपोर्ट : रंजीत कुमार ओझा
HIGHLIGHTS
- करोड़ों की गाड़ियां धूल फांक रही
- पार्किंग यार्ड में जर्जर बन रही बसें
- कबाड़ बनने की कगार पर ई-ऑटो
- करोड़ों की बर्बादी... कौन जिम्मेदार?
Source : News State Bihar Jharkhand