झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में तीन दिवसीय झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (Jharkhand International Film Festival) 31 अक्टूबर रविवार को संपन्न हुआ. JIFFA समारोह के समापन सत्र को संबोधित करते हुए झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि उन्होंने कई फिल्म फेस्टिवल पहले भी देखें लेकिन यह सुखद आश्चर्य का विषय है कि झारखंड जैसे छोटे राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर का फिल्म फेस्टिवल आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने झारखंड अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल की पूरी टीम को शुभकामनाएं दी और राज्य सरकार से अपील की कि जिफा को हर संभव मदद की जाए और उनके प्रयासों को आर्थिक और अन्य सहयोग दिया जाए. उन्होंने जिफा के प्रयासों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा झारखंड में प्रकृति ने बहुत ही समृद्धि प्रदान की है और इसकी खूबसूरती को फिल्मों के माध्यम से, टीवी के माध्यम से बढ़ावा मिलना चाहिए. अगर इस ओर ध्यान दिया गया तो विदेशों में जाकर शूटिंग करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.
झारखंड में पिछले चार वर्षों से अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन हो रहा है. समारोह के दूसरे दिन झारखंड में फिल्म सिटी (Film City) निर्माण का सौगात मिला. वहीं झारखंड के मंत्री, सांसद और अन्य लोगों की उपस्थिति में अपने क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया.
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फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन, आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कला महोत्सव का उद्घाटन के मौके पर फिल्म महोत्सव में शामिल होने कंबोडिया से आए गुरूजी कुमार स्वामी ने अपने खर्चे पर झारखंड में फिल्म सिटी निर्माण का प्रस्ताव रखा जिसे मंच पर उपस्थित झारखंड के कला संस्कृति खेलकूद और युवा मामलों के मंत्री हफिजुल हसन ने सहस्त्र स्वीकार कर लिया, और कहा कि इस पर शीघ्र आवश्यक कार्य की शुरुआत की जाएगी. हफिजुल हसन ने कहा है कि झारखंड में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे और यहां की खेल कला संस्कृति के विकास के लिए वह कटिबद्ध हैं.
उन्होंने सुझाव दिया कि इंडियन आइडल की तरह झारखंड आइडल शुरू करना चाहिए और झारखंड के कोने कोने के कलाकारों को उसके लिए अवसर मुहैया करना चाहिए. इस कार्य के लिए भी मंत्री ने अपने विभाग से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया. विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित साहित्यकार डॉ. महुआ माजी ने मंत्री से मांग की है कि यहां पर फिल्म निर्माण की तकनीकी जानकारी के लिए फिल्म इंस्टीट्यूट बनना चाहिए. महुआ मांजी ने कहा की झारखंड की चल में नृत्य और बोल में संगीत बसता है यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है बस जरुरत है उन्हें पहचनाने और उनकी प्रतिभा को सम्मनित करने की.
महोत्सव में झारखंड की नागपुरी भाषा की प्रशंसा करते हुए राजस्थान से आए पद्मश्री चंद्रप्रकाश देवल ने कहा कि यहां की भाषा बहुत ही समृद्ध है, साथ ही ज्यादा संख्या में नागपुरी की पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं, यहां के गीत पूरे झारखंड के अलावा बाहर भी गूंज रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर भाषा को खासतौर पर लोकभाषा और लोक संगीत को बचाया जाना चाहिए.
समारोह के अंतिम दिन 31 अक्टूबर को रांची के आर्यभट्ट सभागार में संध्या 6 बजे से एवार्ड नाइट आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड की 17 फिल्मों के अलावा देश भर की कुल 31 फिल्मों को पुरस्कृत किया. कार्यक्रम में पूनम ढिल्लन, गुलशन ग्रोवर, राकेश बेदी, टीवी एक्ट्रेस दीपिका सिंह और लोक गायिका राधा श्रीवास्तव मौजूद रहीं. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष ऋषि प्रकाश मिश्रा, उपाध्यक्ष सुनील सिंह बादल के अलावा आकाश सिंहा, डॉक्टर आरिफ बट, ए यू कबीर, अनिल मदान, पंकज कुमार, रविंदर कौर, अनिल राम, अजय राय, प्रणव कुमार बब्बू के अलावा कुंदन मिश्रा भी उपस्थित थे.
HIGHLIGHTS
- झारखंड में होगा फिल्म सिटी का निर्माण
- रांची में तीन दिवसीय फिल्म महोत्सव संपन्न
- राज्यपाल रमेश बैस फिल्म महोत्सव में हुए शामिल