Jharkhand News: गर्मी की आफत के बीच बिजली का संकट, कोयलांचल के लोगों में आक्रोश
कोयलांचल में बिजली की समस्या से लोगों का जीवन मुहाल हो गया है. भीषण गर्मी के बीच लोगों को सिर्फ 8-10 घंटे ही बिजली मिल रही है. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई, पानी की सप्लाई से लेकर व्यापार सब कुछ चौपट हो गया है.
कोयलांचल में बिजली की समस्या से लोगों का जीवन मुहाल हो गया है. भीषण गर्मी के बीच लोगों को सिर्फ 8-10 घंटे ही बिजली मिल रही है. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई, पानी की सप्लाई से लेकर व्यापार सब कुछ चौपट हो गया है. अब गुस्साए लोगों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन के साथ ही उनकी सद्बुद्धि के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना भी करनी शुरू कर दी है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द समस्या का निदान नहीं हुआ तो वो उग्र आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे. वहीं, दूसरी ओर अधिकारी समस्या को खत्म करने का आश्वासन दे रहे हैं.
बिजली विभाग के खिलाफ लोगों में आक्रोश
दो तस्वीरें, दो जगह और दो कार्यक्रम... एक में लोग मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं तो वहीं दूसरे में सड़क पर प्रदर्शन हो रहा है. ये दोनों तस्वीरें भले अलग हो लेकिन लोगों का मकसद एक है. और वो है बिजली की समस्या के खिलाफ विभाग के अधिकारियों का विरोध करना. कोयलांचल में बिजली की समस्या को लेकर हाहाकार मचा है और यही वजह है कि व्यवस्था में सुधार और विभाग के अधिकारियों को सद्बुद्धि आये इसलिए लोग मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं.
एक तरफ प्रार्थना तो दूसरी ओर सड़क पर प्रदर्शन
बिजली विभाग के खिलाफ लोगों में आक्रोश ऐसा कि सड़क जाम कर विभाग के अधिकारियों का पुतला दहन भी कर रहे हैं. दरअसल कोयलांचल के सभी क्षेत्रों में बिजली की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. धनबाद शहर, झरिया, बरवाअड्डा, कतरास, बाघमारा, निरसा, गोविंदपुर सहित सभी क्षेत्रों में बिजली की कटौती की जा रही है.
अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए मंदिर में पूजा
24 घंटे में सिर्फ 8 से 10 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है. जिसके वजह से पानी की सप्लाई, बच्चों की पढ़ाई से लेकर व्यापार तक सभी चौपट हो गए हैं. बिजली की समस्या को लेकर अब लोगों में आक्रोश है और गुस्साए लोग बिजली विभाग और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं कुछ मंदिर में जाकर अधिकारियों की सद्बुद्धी की प्रार्थना कर रहे हैं.
अधिकारियों की लापरवाही के साथ जनप्रतिनिधियों के गैर जिम्मेदाराना रवैये ने भी लोगों की परेशानी को दोगुना कर दिया है. जिसके वजह से लोगों को प्रदर्शन और नारेबाजी का सहारा लेना पड़ रहा है. हर बार आश्वासन ही दिया जाता है. अगर आश्वासन पर समय पर सुनवाई हो तो शायद लोगों को प्रदर्शन का सहारा ही नहीं लेना पड़ेगा, लेकिन अब देखना ये होगा कि कोयलांचल की जनता का विरोध की आवाज अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के कानों तक पहुंचती है या नहीं.