मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका झारखंड उच्च न्यायालय से रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट जाने की पुनः तैयारी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार प्रवर्तन निदेशालय के पांचवें समन के बाद भी जवाब देने के लिए कार्यालय नहीं पहुंचे, जिसके बाद सियासत तेज हो गई है. सरकार के दलील कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और ईडी के भेजे गए सामान का चैलेंज करेंगे. सत्तापक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने वरीय अधिवक्ताओं के संपर्क में है. बहुत जल्द वो सर्वोच्च न्यायालय का सहारा लेंगे.
ED के सामने होना चाहिए पेश
इधर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का कहना है कि पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बुलाया गया है. उन्हें ईडी के पदाधिकारी को जवाब देना चाहिए. हाईकोर्ट में याचिका रद्द होने के बाद बेतुका फरमान जारी नहीं करना चाहिए. भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निर्दोष हैं यह तो कार्यालय जाने के बाद ही पता चलेगा. जिस मामले में उन्हें आरोपी बनाया गया है उसे पर कितना सही और कितना गलत है.
बीजेपी प्रवक्ता ने साधा निशाना
वहीं, हाल ही में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह कई भाषणों में कहते दिखे हैं कि वह जब केंद्र से बकाया राशि की मांग करते हैं, तो उन्हें जेल भेजने की साजिश शुरू हो जाती है. प्रतुल शाहदेव ने बताया कि हेमंत सरकार के मंत्री रामेश्वर उरांव सदन में खुद कहते हुए दिखे हैं कि केंद्र सरकार राज्य सरकार को पूरा सहयोग कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने सिर्फ नोटिस दिया है, ना कि कोई वारंट दिया गया है कि उन्हें जेल हो जाएगी. आखिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन क्यों ऐसा कह रहे हैं. यह तो CM ही जानें. ऐसा लगता है कि उन्हें मालूम है कि जब वह पूछताछ के लिए जाएंगे, तो वह बुरी तरह फस जाएंगे.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
- BJP ने साधा निशाना
- ED के सामने होना चाहिए पेश
Source : News State Bihar Jharkhand