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'हर अन्याय को पता है...' शपथ से थोड़ी देर पहले हेमंत सोरेन की इस्तीफे वाली तस्वीर वायरल

हेमंत सोरेन की वापसी से झारखंड में एक नए राजनीतिक अध्याय की शुरुआत हो रही है. उनके नेतृत्व में राज्य में विकास, शांति और स्थिरता की उम्मीदें बढ़ गई हैं. जनता और राजनीतिक विश्लेषक उनकी इस नई पारी को बड़े उत्साह और आशा के साथ देख रहे हैं.

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Ritu Sharma
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हेमंत सोरेन( Photo Credit : News Nation )

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Jharkhand News: झारखंड में एक बार फिर राजनीतिक नेतृत्व में परिवर्तन देखने को मिल रहा है. बुधवार को इंडिया गठबंधन की बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया. आज शाम पांच बजे झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. वहीं शपथ ग्रहण से ठीक पहले, हेमंत सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने उस पल को याद किया जब उन्होंने इस्तीफा दिया था. उन्होंने फोटो के साथ लिखा, ''हर अन्याय को पता है कि एक दिन उसे न्याय परास्त करेगा. जय झारखंड.'' इस तस्वीर में वह 31 जनवरी की स्थिति को दर्शा रहे थे, जब ईडी की गिरफ्तारी से पहले उन्होंने राजभवन जाकर सीएम पद से इस्तीफा दिया था.

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राज्यपाल का आमंत्रण

आपको बता दें कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. इसके पहले, चंपई सोरेन ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जमानत पर रिहा हुए हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया.

विधायक दल का सर्वसम्मति से समर्थन

वहीं झामुमो नीत गठबंधन के नेताओं ने हेमंत सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया. बुधवार को झामुमो नीत गठबंधन के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल राधाकृष्णन से मुलाकात की थी. इस शिष्टमंडल में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल नेता सत्यानंद भोक्ता और विधायक विनोद सिंह शामिल थे. हेमंत सोरेन की पत्नी और गांडेय से विधायक कल्पना सोरेन भी इस शिष्टमंडल का हिस्सा थीं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

हेमंत सोरेन की राजनीतिक यात्रा में यह दूसरा मौका है जब वह झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इससे पहले भी वे इस पद पर रह चुके हैं और उनके नेतृत्व में राज्य ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. वर्तमान स्थिति में, हेमंत सोरेन का सामना कई चुनौतियों से है, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप और राजनीतिक विरोध शामिल हैं.

गठबंधन की रणनीति

इंडिया गठबंधन ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लेते हुए यह सुनिश्चित किया है कि उनके नेतृत्व में झारखंड की राजनीतिक स्थिरता बनी रहे. हेमंत सोरेन की वापसी के साथ, गठबंधन ने अपनी एकजुटता और रणनीतिक निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रदर्शित किया है.

हेमंत सोरेन की प्राथमिकताएं

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन की प्राथमिकताओं में राज्य के विकास, भ्रष्टाचार से लड़ाई और जनकल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन शामिल रहेगा. उन्होंने पहले भी अपने कार्यकाल में कई लोकहितकारी योजनाओं की शुरुआत की थी और इस बार भी वे उन्हीं योजनाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लेकर आए हैं.

HIGHLIGHTS

  • झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन
  • झारखंड में हेमंत सोरेन की वापसी
  • शपथ से ठीक हेमंत सोरेन की भावनात्मक पोस्ट 

Source : News Nation Bureau

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