Jharkhand ropeway rescue Operations: झारखंड के देवघर में त्रिकूट पर्वत पर रोपवे में फंसे लोगों को तकरीबन 45 घंटे की जद्दोजहद के बाद सुरक्षित बचा लिया गया. इसके साथ ही हवा में लटके लोगों को बचाने के लिए चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है. हालांकि, इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, उनमें से दो की मौत तो रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान हुई. इस हादसे करीब आधा दर्जन ट्रालियां हवा में अटक गई थीं, जिसमें करीब 90 से अधिक लोग सवार थे. जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त कुछ लोग घायल हुए थे, जिनमें एक की मौत हो गई थी. इसके बाद सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने 45 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाकर बाकी लोगों को निकाला. आईटीबीपी ने बताया कि यह एक बहुत ही मुश्किल रेस्क्यू अभियान था, क्योंकि हजारों मीटर की ऊंचाई पर लोग हवा में अटके हुए थे.
गौरतलब है कि देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रविवार शाम करीब पांच बजे रोपवे का सैप टूट जाने से 23 में से 24 ट्रॉलियों पर सवार कुल लगभग 90 लोग पहाड़ी और खाई के बीच में फंस गये थे. इनमें से 28 लोगों को रविवार को ही एनडीआरएफ और स्थानीय युवकों ने रस्सियों और हेलिकॉप्टर के जरिए सुरक्षित निकाल लिया था, जबकि पहाड़ी के निचले हिस्से की ट्रॉलियों में फंसे 20-25 लोग खुद किसी तरह निकल पाने में कामयाब रहे. बाकी तकरीबन 50 लोग ट्रॉलियों में फंसे हुए थे, जिनमें से 35 लोगों को सोमवार को बाहर निकाला गया. जिन लोगों को नई जिंदगी मिली है, उनका कहना है कि सेना के जवानों ने देवदूत बनकर उन्हें बचाया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में कई स्थानीय नौजवानों ने भी भरपूर सहयोग किया.
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फंसे हुए लोगों को पहुंचाया गया खाना
सोमवार को चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तेज हवा और रोपवे के तारों की वजह से भारी परेशानी हुई. इस वजह से सेना के हेलिकॉप्टरों को कई बार ट्रॉली के नजदीक पहुंच कर भी वापस लौटना पड़ा. तमाम परेशानियों और खतरों के बावजूद सेना के जवान लगातार राहत और बचाव के काम में लगे रहे. दरअसल, कई ट्रॉलियां ऐसी जगहों पर फंसी हुई थी, जहां आस-पास चट्टानें थी. खतरा यह था कि ट्रॉलियों के पास पहुंचने के दौरान कहीं हेलिकॉप्टर इन चट्टानों से न टकरा जाए. कई ट्रॉलियों में फंसे लोगों तक ड्रोन के जरिए बिस्किट-पानी पहुंचाया गया, लेकिन कुछ ट्रॉलियों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत के रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर गहरा दुख जताया. घटना पर सरकार की पूरी नजर थी. सोमवार को झारखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता, पर्यटन मंत्री हफीजुल अंसारी भी मौके पर पहुंचे थे. स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे, जिले के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सहित कई आला अधिकारी रविवार शाम से ही घटनास्थल पर मौजूद रहे.
HIGHLIGHTS
- त्रिकूट रोपवे पर तार टूटने के बाद फंस गए थे 48 लोग
- सभी को लोगों को सुरक्षित निकाला गया बाहर, 3 की मौत
- ड्रोन की मदद से फंसे हुए लोगों तक पहुंचाया गया खाना