झारखंड उच्च न्यायालय ने कथित यौन शोषण के मामले में भाजपा विधायक ढुलू महतो की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय की पीठ ने महतो की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली. सभी पक्षों की दलील पूरी होने के बाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद महतो ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है.
सुनवाई के दौरान महतो के वकील ने दलील दी कि इस मामले में घटना के तीन साल बाद महिला ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिससे स्पष्ट है कि सोची समझी साजिश के तहत यह मामला दर्ज कराया गया है. महतो के वकील ने दलील थी कि सरकार बदलते ही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते महतो के खिलाफ लगातार कई मामले दर्ज किए गए हैं. दूसरी ओर, पीड़िता के वकील राजीव कुमार ने दलील दी कि बाघमारा क्षेत्र में महतो के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता है.
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कुमार ने आरोप लगाया कि अगर किसी ने ऐसा किया तो उन्हें धमकाया जाता है या फिर पैसे देकर चुप करा दिया जाता है. उन्होंने दावा किया इस मामले में भी समझौते के लिए महिला को दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया था. कुमार ने कहा कि महतो के खिलाफ 35 विभिन्न मामले चल रहे हैं, जिसमें से दो में उसे सजा मिली है.
ऐसे में महतो को जमानत नहीं मिली चाहिए. सरकार ने भी महतो की जमानत याचिका का विरोध किया. सभी पक्षों की दलील पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
Source : News Nation Bureau