दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज रांची में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान भी उनके साथ मौजूद रहे. आपको बता दें कि 4 महीने में हेमंत और केजरीवाल की ये दूसरी मुलाकात है. केजरीवाल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश को लेकर विपक्ष से समर्थन मांग रहे हैं. इसी को लेकर वो आज रांची में सीएम सोरेन से मिले हैं. मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट करते हुए सीएम सोरेन ने लिखा कि झारखंड की धरती पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्रीअरविंद केजरीवाल जी और पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान जी का हार्दिक स्वागत और जोहार.
झारखण्ड की धरती पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal जी और पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री श्री @BhagwantMann जी का हार्दिक स्वागत और जोहार। pic.twitter.com/aSOx3NgZYw
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) June 2, 2023
समर्थन हासिल करना चाहते हैं अरविंद केजरीवाल
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान गुरुवार को रांची पहुंच थे. केजरीवाल अध्यादेश के खिलाफ अपनी पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) की लड़ाई में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का समर्थन हासिल करना चाहते हैं. इससे पहले केजरीवाल ने चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मुलाकात की थी. वो अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल करने के लिए गैर-भाजपा दलों के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि इसकी जगह लेने के लिए संसद में विधेयक लाए जाने पर केंद्र उसे पारित नहीं करा सके.
Hon'ble Delhi CM Thiru @ArvindKejriwal and Hon'ble Punjab CM Thiru @BhagwantMann met me at my residence to seek DMK's support against the GNCTD ordinance.
DMK has always been opposing any move that undermines federalism and erodes states' autonomy. DMK will never remain a mute… pic.twitter.com/Lti7WGLY0Q
— M.K.Stalin (@mkstalin) June 1, 2023
विपक्षी एकता पर संजय सेठ का कटाक्ष
वहीं, इस विपक्षी एकता पर सांसद संजय सेठ ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल और सभी पार्टी मौसमी पार्टी हैं. भ्रष्टाचार के मामले पर विपक्ष तिलमिला रहा है और सिर्फ एकजुट होने का दिखावा कर रहे हैं. शर्मनाक है कि विपक्ष ने नए संसद भवन का अपमान किया है. विपक्ष ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार नहीं बल्कि लोकतंत्र पर तमाचा मारा है, जिसका हिसाब आने वाले चुनाव में जनता करेगी और विपक्ष को जवाब देगी.
केजरीवाल ने क्या कहा
मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीएम सोरेन को धन्यवाद हमें मिलने का समय दिया. लंबी चर्चा की. समय-समय पर कई विषयों पर चर्चा करते रहते हैं. दिल्ली के लोगों के साथ पिछले महीने अपमान हुआ, हक छीना गया. सुप्रीम कोर्ट में क्रांतिकारी फैसला दिया, काम करने के लिए दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने की शक्तियां दी जो केंद्र सरकार ने छीना था. फैसले के बाद मोदी सरकार ने वो शक्तियां छीन ली. पूरी दिल्ली के लोगों को बेदखल कर दिया. ये अध्यादेश सांसद के मानसून सत्र में आएगा. सारे विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो राज्य सभा में हराया जा सकता है. इस तरह के अध्यादेश किसी भी राज्य के साथ ला सकते हैं. संविधान के बेसिक मूल्य के साथ छेड़छाड़ है. पूरे देश घूम रहे हैं. सभी पार्टियों का अच्छा सहयोग मिला. हेमंत सोरेन ने संसद के अंदर और बाहर भी समर्थन देने का भरोसा दिलाया है. सभी दल से अपील है कि राष्ट्र विरोधी चीजों का विरोध करें.
सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा
वहीं, इस पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देने की योजना केंद्र सरकार के द्वारा किया जा रहा है. ये चुनी हुई सरकार और संघीय ढांचे पर प्रहार है. इस देश की ताकत अनेकता में एकता पर भी बड़ा प्रहार है. संघीय ढांचे की बात केंद्र सरकार करती है पर कार्य उसके विपरीत होती है. केंद्र सरकार की जो सहयोगी सरकार नहीं है उन सभी सरकारों की एक सी स्थति है, ये चिंता का विषय है. कुछ दिन पहले लोकसभा का उद्घाटन हुआ. उस दिन उसी लोकतंत्र के मंदिर के चंद कदमों पर और भी कई घटनाएं घटी. कहीं न कहीं ये सिर्फ गैर बीजेपी सरकारों पर प्रहार नहीं. उस राज्य की जनता के ऊपर प्रहार है. देश की जनता के ऊपर प्रहार है. इस विषय पर और गहराई से पार्टी के अंदर और गुरुजी के साथ चर्चा करेंगें कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कैसे आगे बढ़ा जाए.
भगवंत मान ने क्या कहा
वहीं, इस पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि मैं व्यक्तिगत समस्या लेकर नहीं आया, जो लोकतंत्र की हत्या हो रही है उसको बचाने की मुहिम है. अगर समय पर आवाज नहीं उठाई गई तो अगली बारी लोकतंत्र की अस्थियों को बहाने की होगी. दिल्ली में गर्वनर अपनी चीजें थोपते रहते हैं. इलेक्टेड के बजाय सलेक्टेड का बीजेपी इस्तेमाल करती है. आने वाले समय में लोकतंत्र को बचाना है तो ऐसे फरमान को लेकर आवाज उठाना है. आपस में छोटी-मोटी लड़ाई होती रहती है पर लोकतंत्र के मामले में एक होना होगा. केंद्र सरकार को बहुत अहंकार हो गया है. केंद्र सरकार से विनती है अहंकार ना करें.
काग्रेंस के साथ पर केजरीवाल का बयान
वहीं, कांग्रेस के साथ पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस से हमने टाइम मांगा है. हमें उम्मीद है वह हमें टाइम देंगे. मुझे लगता है कोई पार्टी इस अध्यादेश में कैसे वोट कर सकते हैं पूरा देश देखेगा. कांग्रेस को तय करना है वह जनतंत्र के साथ है संविधान के साथ है देश के 140 जनता के साथ है या मोदी जी के साथ हैं.
HIGHLIGHTS
- अरविंद केजरीवाल ने सीएम हेमंत सोरेन से की मुलाकात
- पंजाब के सीएम भगवंत मान भी उनके साथ रहे मौजूद
- 4 महीने में हेमंत और केजरीवाल की दूसरी मुलाकात
Source : News State Bihar Jharkhand