Mallikarjun Kharge Jharkhand Visit: जानिए क्या है मल्लिकार्जुन खड़गे के झारखंड दौरे के सियासी मायने ?
2024 के चुनाव को लेकर सरगरमियां तेज हो गई है. तमाम सियासी पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में जुटी है, लेकिन इस बार झारखंड सियासी दिग्गजों का गढ़ बन रहा है.
2024 के चुनाव को लेकर सरगरमियां तेज हो गई है. तमाम सियासी पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में जुटी है, लेकिन इस बार झारखंड सियासी दिग्गजों का गढ़ बन रहा है. देश के बड़े सियासी चेहरे एक के बाद एक झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं और यहां से चुनावी शंखनाद कर रहे हैं. एक तरफ जहां बीजेपी के चुनावी चाणक्य अमित शाह ने देवघर की पावन भूमि से संथाल परगना की सियासी नब्ज टटोलने की कोशिश की तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी उसी संथाल परगना की धरती से कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने आ रहे हैं.
दरअसल कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. जहां वो सूबे में हाथ से हाथ जोड़े कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. इस अभियान के जरिए कांग्रेस ना सिर्फ जनता के बीच पहुंचकर जनाधार बढ़ाएगी. बल्कि चुनाव से पहले सियासी हवा का रुख भी जानने की कोशिश करेगी. हालांकि कांग्रेस की मानें तो ये दौरा सियासी नहीं है. बल्कि भारत जोड़ो अभियान की तरह ही इसके जरिए देश में सद्भाव बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
एक तरफ कांग्रेस जहां आलाकमान के दौरे की तैयारी कर रही है तो वहीं बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो रही है. बीजेपी का कहना है कि पिछले कुछ दशकों से संथाल परगना की डेमोग्राफी में बदलाव हुआ है. बीजेपी ने बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिहादी मानसिकता वालों को संथाल में बढ़ावा मिल रहा है. बीजेपी ने साथ ही प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि वोट बैंक के चलते घुसपैठियों को वोटर कार्ड दिए जा रहे हैं.
बीजेपी ने बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाया तो JMM को ये रास नहीं आया. पार्टी ने सीधे केंद्र बीजेपी से सवाल करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा से होने वाले घुसपैठ की वजह बीजेपी है. JMM ने साथ ही नसीहत देते हुए कहा कि अगर बीजेपी घुसपैठ रोकने में नाकाम हैं तो गद्दी छोड़ दें.
बहरहाल, मिशन 2024 को लेकर राष्ट्रीय पार्टियों से लेकर क्षेत्रीय पार्टियां तक अभी से चुनावी हुंकार भर रही हैं. झारखंड में सत्ताधारी दल कांग्रेस भी मिशन 24 को लेकर अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुट गई है. केंद्रीय नेताओं के झारखंड दौरे से सियासी हलचल बढ़ी है तो आरोप प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है. अब ऐसे में वार-पलटवार के बीच किस पार्टी की हुंकार जनता तक पहुंचती है ये तो वक्त ही बताएगा.