बड़े पैमाने पर हो रहे मानव तस्करी पर लातेहार पुलिस ने बड़ा प्रहार किया है. इसके साथ ही पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि मानव तस्कर युवतियों के साथ यौन शोषण भी किया करते थे. दरअसल, लातेहार पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार 17 नाबालिगों को मुक्त कराया है. लातेहार एसपी के निर्देश पर गठित एसआईटी ने दिल्ली, पानीपत, गाजियाबाद, नोएडा, चंडीगढ़ में छापेमारी कर ट्रैफिकिंग की शिकार 16 नाबालिग बच्चियों और एक बच्चे को मुक्त कराया है. बरामद बच्चे झारखंड के लातेहार और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिला के हैं. मुक्त कराये गए बच्चे और बच्चियों में ज्यादातर सुदूरवर्ती क्षेत्र के आदिम (पीटीजी) जनजाति के हैं. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कई बच्चियों का मानव तस्करों द्वारा यौन शोषण भी किया गया है.
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लातेहार पुलिस को मिली बड़ी सफलता
इसके अलावे कई बच्चियों के साथ मारपीट भी की गई है. काम करने से मना करने पर जबरन काम पर लगाया जाता था. लातेहार पुलिस ने प्लेंसमेंट एजेंसी चलाने वाले दंपति समेत सात लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. पुलिस की इस कार्रवाई के बाद जहा एक तरफ़ पिंजरे में कैद युवतियों से राहत की सांस ली है, तो वहीं दूसरी तरफ़ ऐसे कार्यों में संलिप्त लोगों के पसीने झुटने लगे हैं. चूंकि ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को बचाने और ऐसे मामलों में संलिप्त मानव तस्करों की गिरफ्तारी के लिये अभियान चलाया जा रहा हैं.
ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार 17 नाबालिगों को कराया मुक्त
कई राज्यों में अभी पुलिस की टीम काम कर रही है. इसके अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक और विभिन्न तरीकों से ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं, कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए बरामद किए गए बच्चियों व बच्चों को शिक्षा व पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही हैं. दरअसल, झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण आदिवासी बहुल क्षेत्रों में गरीबी व अशिक्षा के कारण मानव तस्कर बहला-फुसलाकर रुपये का लालच देकर बच्चे-बच्चियों को महानगरों में घरेलू कार्य के लिये पहुंचाते हैं.
दिल्ली, पानीपत, गाजियाबाद, नोएडा, चंडीगढ़ में छापेमारी
लातेहार जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रो से ट्रैंफिकिग की सूचना पर एएचटीयू औऱ महुआडाड थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों की बरामदगी के लिये एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी की अलग अलग टीम दिल्ली, यूपी, हरियाणा समेत अन्य जगहों पर भेजा गया था. लातेहार पुलिस प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले गोपी चंद महतो और दंपति विकास नगेशिया और अनिमा नगेशिया को भी गिरफ्तार किया है. प्लेसमेंट एजेंसी एजेंट को कमीशन देकर बच्चों का ट्रैफिकिंग करवाता है.
प्लेंसमेंट एजेंसी चलाने वाले दंपति समेत सात लोग गिरफ्तार
इसके बाद परिजनों को झांसा में लेकर पैसा एवं काम का लालच देकर बच्चों को कुरियर तक पहुंचाते है कुरियर बच्चों को सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके से बड़े शहरों के प्लेसमेंट एजेंसी के पास फ्लाईट, ट्रेन और बस से पहुंचाते है.प्लेसमेंट एजेंसी बच्चों को क्लाइंट के पास भेजते हैं और उनके एवज में मोटी रकम वसूलते हैं. पीड़ित बच्चों के से किसी भी तरह से संपर्क करने का साधन नहीं होता. क्लाइंट और प्लेसमेंट एजेंसी यह सुनिश्चित करती थी कि पीड़ित किसी से बात न कर पाये एवं खुद के विषय में किसी को न बता पाये. ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों से दिन भर घर में सारे काम कराये जाते हैं और बदले में दो वक्त का खाना तक नहीं देते.
HIGHLIGHTS
- ह्यूमन ट्रैफिकिंग की शिकार 17 नाबालिगों को कराया मुक्त
- दिल्ली, पानीपत, गाजियाबाद, नोएडा, चंडीगढ़ में छापेमारी
- 16 नाबालिग बच्चियों और एक बच्चे को कराया मुक्त
Source : News State Bihar Jharkhand