गुमला जिला प्रशासन इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से सकारात्मक बदलाव को लेकर कई स्तर पर काम कर रही है. इसी क्रम में नक्सलियों के गढ़ के रूप में चर्चित बिशुनपुर प्रखंड में युवक युवतियों को पढ़ाई का बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से उच्च स्तर का पुस्तकालय खोल गया है. जिसको लेकर ग्रामीण के साथ ही युवाओ में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. गुमला जिला मुख्यालय से 80 किमी की दूरी पर स्थित बिशुनपुर प्रखंड ना केवल जिला का सबसे दुरुस्त प्रखंड है, बल्कि यह प्रखंड एक समय नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था.
जिस हाथ में कभी हुआ करता था हथियार, आज उसमें किताब और कलम
यही वह इलाका है, जहां नक्सलियों को आसानी से युवाओं का साथ मिल जाता था. लंबे समय के पुलिस की कार्रवाई के बाद काफी हद तक नक्सलियों पर तो काबू पा लिया है. जिससे इलाके में कुछ शांति का माहौल बन पाया है. अब प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा इलाके के युवाओं का भटकाया ना जा सके, इसको लेकर युवाओं को सही रास्ते पर रखने के उद्देदय से इलाके में उच्च स्तर का पुस्तकालय करोड़ों की लागत से स्थापित किया गया है. जिला के डीसी सुशांत गौरव ने कहा कि इलाके का पिछड़ेपन के कलंक को मिटाने में यह पुस्तकालय काफी सार्थक साबित होगा. इससे जिले की सकारात्मक पहचान बन पाएगी.
करोड़ों की लागत से गुमला में खुला पुस्तकालय
वहीं, लंबे समय से नक्सलियों के गढ़ के रूप में रहने के कारण इस इलाके के लोगों को हताश करती है. उनकी मानें तो कल तक वे लोग चाह कर भी कुछ बेहतर नहीं कर पाए, लेकिन अब पुस्तकालय के खुलने के बाद इलाके के युवा सफलता से उस ऊंचाई को प्राप्त कर पाएंगे, जो लोगो का लक्ष्य हुआ करता है. अब इस पुस्कालय से उनके इलाके में युवाओं के हाथ किताब और कलम हो पायेगा. वहीं, कल तक इलाके के युवाओं के हाथों में हथियार होने की बात सामान्य हुआ करती थी.
HIGHLIGHTS
- करोड़ों की लागत से गुमला में खुला पुस्तकालय
- कलम और किताब के सामने झुकेगा हथियार!
- जिले की सकारात्मक पहचान बन पाएगी
Source : News State Bihar Jharkhand