Lohardaga Violence: लोहरदगा हिंसा के पीछे हेमंत सरकार का हाथ, बाबूलाल मरांडी का बड़ा आरोप

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में पिछले 23 जनवरी को निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प हुई थी.

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Sushil Kumar
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पीड़ित परिवारों से मिलते हुए बाबूलाल मरांडी( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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झारखंड के लोहरदगा (Lohardaga Violence) में हुए दंगे पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी में शामिल बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार के संरक्षण में ही दंगा हुआ. उन्होंने कहा कि यह दंगा पूरी तरह से सुनियोजित थी. राज्य सरकार इसको रोकने में पूरी तरह से नाकाम रही. इसके आगे उन्होंने कहा कि जब मैं पीड़ितों से मिला और उसकी बातें को सुना तो पता चला कि दंगे के पीछे राज्य सरकार का ही हाथ हैं.

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तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में पिछले 23 जनवरी को निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसक झड़प हुई थी. जिसके बाद बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में रविवार को भाजपा का प्रतिनिधिमंडल लोहरदगा पहुंचा. उन्होंने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की. बाबूलाल ने कहा कि मिली जानकारी से स्पष्ट होता है कि घटना पहले से ही तय थी. प्रशासन को इस बारे में जानकारी भी थी. बावजूद जिला प्रशासन की ओर से इस घटना को रोकने को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया.

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नीरज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की

इस लापरवाही की वजह से लोगों की जानें गईं. साथ ही करोड़ों रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ. उन्होंने सरकार से घटना के दोषी अधिकारियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है. इससे पहले मरांडी ने घटना में कथित तौर पर मारे गए नीरज राम प्रजापति के घर पहुंचकर नीरज के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने हर संभव सहयोग और उनके हक को लेकर लड़ाई लडऩे का भरोसा दिलाया.

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पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने एवं 10-10 लाख रुपये मुआवजे की मांग 

पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने एवं 10-10 लाख रुपये मुआवजे की मांग की गई है. प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के साथ भाजपा के महामंत्री सह चतरा के सांसद सुनील सिंह, लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत, लोहरदगा के पूर्व विधायक सुखदेव भगत, मांडर की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा एवं एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अरुण उरांव शामिल थे.

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