पूरा देश महाशिवरात्रि की तैयारियों में जुटा है, लेकिन झारखंड में महाशिवरात्रि से पहले महाभारत का आगाज़ हो गया है. पलामू जिले में पांकी को जहां हिंसा की आग में धकेलने की कोशिश की गई तो वहीं, बाबा की नगरी देवघर में सांसद निशिकांत दुबे प्रशासन के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. जब पूरे देश में महाशिवरात्री की तैयारी की जा रही थी उस वक्त पलामू को हिंसा की आग में झोंकने की साजिश चल रही थी. जब पूरे देश में बाबा की बारात के लिए साज सज्जा हो रही थी उस वक्त देवघर में प्रशासन और जनप्रतिनिधि आमने-सामने हो गए थे.
चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर
झारखंड में महाशिवरात्रि से पहले महाभारत की स्थिति बन गई. पलामू में शिवरात्री के तोरणद्वार को लेकर दो समुदायों में ऐसा विवाद हुआ, जिसका शोर झारखंड से दिल्ली तक सुनाई दे रहा है. जिले के पांकी में हुई हिंसा के बाद पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती है. पुलिस मुख्यालय ने 2 सीनियर आईपीएस को पांकी भेजा गया है और 500 से ज्यादा जवानों के काफिला के साथ फ्लैग मार्च निकला गया है. यानी महाशिवरात्रि से पहले पूरे जिले में नफरती उत्पात फैलान की कोशिश की गई. पत्थरों और पेट्रोल बम से आपसी एकता को तोड़ने की साजिश की गई, लेकिन पलामू की जनता ने सांप्रदायिक उत्पातियों को मुंहतोड़ जवाब दिया और साबित कर दिया कि वो किसी बहकावे में नहीं आने वाले. फिलहाल हालात काबू में हैं और पूरे इलाके पर प्रशासन की नजर है. वहीं, पुलिस ने कार्रवाई करते है अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इलाके में 18 फरवरी तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है.
औवेसी का बयान
पांकी हिंसा मामले में सियासी वार-पलटवार भी अब तेज हो गया है. सत्ता पक्ष और विपक्ष तो पहले ही आमने-सामने थी अब AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी भी इस मामले में कूद पड़े हैं. ओवैसी ने जहां मामले पर सरकार का घेराव किया है तो वहीं बीजेपी ने मामले की निंदा करते हुए जांच की मांग की.
देवघर में धारा 144 लागू
पलामू हिंसा की आग थमी भी नहीं थी और देवघर में शिव बारात को लेकर संग्राम हो गया. यहां जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोर्चा खोल दिया. दरअसल देवघर के सदर SDO दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दिया है. इसके अलावा जिला प्रसाशन की तरफ से पुराने रूट से ही शिव बारात के आयोजन की इजाजत दी गई है. यानी, महाशिवरात्रि कमेटी ने जो रूट तय किया था उसपर जिला प्रसाशन ने रोक लगा दी है. इसको लेकर निशिकांत दुबे प्रशासन के साथ ही हेमंत सरकार पर हमलावर है. उनका कहना है कि शिव बारात को रोकने की कोशिश की जा रही है. प्रशासन के आदेश को चुनौती देते हुए सांसद हाइकोर्ट भी पहुंचे. वहीं, शिव बारात से पहले सपरिवार बाबा बैद्यनाथ के दर्शन कर उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो मामले को लेकर शांत नहीं बैठेंगे.
कहीं हिंसा की साजिश तो वहीं शिव बारात पर संग्राम. झारखंड में महाशिवरात्रि से पहले राजनीति सरगर्मी बढ़ती जा रही है. अब धर्म के नाम पर शुरू हुआ ये तूफान कब खत्म होता है ये तो वक्त ही बताएगा.
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HIGHLIGHTS
- महाशिवरात्रि से पहले 'महाभारत'
- हिंसा के पीछे किसकी साज़िश?
- धर्म के नाम पर सियासी उफान
- 'बाबा की बारात' पर छिड़ा संग्राम
Source : News State Bihar Jharkhand