Makar Sankranti 2023: रविवार को मकर संक्रांति का पर्व आस्था व श्रद्धा के साथ पूरे देश में मनाया जा रहा है. भीषण ठंड में भी श्रद्धालु भाड़ी संख्या में नदियों में स्नान करने के लिए घाट व तटों पर पहुंच रहे हैं. झारखंड के श्रद्धालु सुबह से ही आस्था की डुबकी लगाने के लिए दामोदर नदी के तटों पर पहुंचते देखे जा रहे हैं. दामोदर नदी सूर्य धाम पर मकर संक्रांति के स्नान को लेकर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी. सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने दामोदर नदी में प्रवेश सूर्य मंदिर में पूजा अर्चना की. वहीं, दूर दराज़ के लोगों ने दामोदर नदी में स्नान कर मंदिर में पूजा अर्चना की और उसके बाद गरीबों में सामर्थ्य से दान पुण्य किया. भक्तों का आना-जाना लगा हुआ है.
आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु
विधि व्यवस्था में स्थानीय पुलिस, समिति के जिम्मेदार लोग, स्वयं सेवी लोग सक्रिय थे. भक्तों की सेवा में भीड़ को नियंत्रित करने में लगे थे. कहा जाता है कि मकर संक्रांति पुस मास का प्रमुख पर्व है. इस दिन माघ मास की शुरुआत होती है. मकर संक्रांति में स्नान कर पूजा पाठ कर दान पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस पर्व के दिन खिचड़ी का ही महत्व है. इसे 'खिचड़ी' पर्व के रूप में भी जाना जाता है और इसे खिचड़ी का दान भी कहा जाता है. इस दिन लोग अपनी-अपनी मान्यता से दान पुण्य का काम करते हैं.
दान की खास मान्यता
कुछ लोग अनाज तो कुछ खिचड़ी तो कुछ लोग कपड़ों को दान में देते हैं. मान्यताओं की मानों तो मकर संक्रांति के दिन किया गया दान और स्नान से जीवन फलदायक होता है. सुख शांति की अनुभूति होती है. वहीं परघाबद की महिलाओं द्वारा आज ही मकरसंक्रांति के दिन तुसु का विसर्जन दामोदर नदी में किया गया. पूनम देवी ने कहा कि एक महीने से पूजा अर्चना की जाती है. गीत भी गाई जाती है. रात्रि जागरण कर पूजा अर्चना कर आज ही के दिन विशेषण किया जाता है.
HIGHLIGHTS
- आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु
- मकर संक्रांति पर दान-पुण्य की मान्यता
- दामोदर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
Source : News State Bihar Jharkhand