Garhwa Leopard: एक तेंदुए की दहशत पूरे पलामू प्रमंडल को डरा कर रखा हुआ है, जिसे लेकर दिल्ली से रांची और रांची से गढ़वा तक के वन विभाग के अधिकारी भी परेशान हो रखे हैं. इस आदमखोर तेंदुए से किसी तरह निजात पाना चाहता हैं. जिसके लिए हैदराबाद का मशहूर सूटर नवाब सफत अली खान को लाखों रुपये खर्च कर गढ़वा बुलाया गया है, ताकि इस समस्या से निजात पाया जा सके. इधर वन विभाग के अधिकारी तेंदुवा को पकड़ने के लिए 'ऑपरेशन तेंदुआ' का आगाज कर दिया है. झारखण्ड के गढ़वा में एक आदमखोर तेंदुए के द्वारा तीन बच्चों पर हमला कर मारने के बाद मुख्य वन पदाधिकारी ने इस खुनी तेंदुआ को आदमखोर घोषित कर दिया. जिसके बाद वन विभाग की टीम इस तेंदुए को पकड़ने के लिए एक से बढ़कर एक अत्याधुनिक पिंजड़ा और जाल मेरठ से मंगाया है, ताकि तेंदुआ को पकड़ा जा सके.
'ऑपरेशन तेंदुआ' का हुआ आगाज
इधर विभाग ने अंतिम विकल्प के रूप मे तेंदुआ को मारने या बेहोश करने के लिए हैदराबाद के मशहूर सूटर नवाब सफत अली खान की टीम को गढ़वा बुलाया है. नवाब सफत अली गढ़वा पहुंचते ही तेंदुए की खोज में भंडरिया, रंका, रामकंडा और चिनिया के जंगलों में रात के अंधेरे में ऑपरेशन तेंदुआ चला रहे हैं. बीती देर रात्रि भंडरिया के बैरवा के जंगल मे तेंदुआ को सफत अली खान की टीम ने जंगली सुवर का पीछा करते हुआ देखा, तो सभी एलर्ट हो कर तेंदुआ का पीछा किया, लेकिन वह कहीं दूर जाकर छिप गया.
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मेरठ से तेंदुए के लिए मंगाया पिंजरा
इसके बाद बीस किलोमीटर के दायरे में जंगल में मेरठ से मंगाया गया बड़ा केज और जाल को लगाया जा रहा है. उसके साथ सभी पिंजड़े में एक-एक सुवर को बांधा जा रहा है, ताकि तेंदुआ जाल में आ जाए और उसे पकड़ लिया जाए. नबाब सफत अली खान का मानना है कि सुवर के सुगंध से तेंदुवा जल्दी पिंजड़ा में फंस सकता है. इधर विभाग की ओर से गुमला और बोकारो से दो पशु विशेषज्ञ चिकित्स्कों को बुलाया जा रहा है ताकि बेहोशी की हालात में कौन सी दवा दी जाए.
तेदुए को जिंदा पकड़ने की पूरी हुई तैयारी
सफत अली खान की टीम भगौलिक आंकलन कर रहे हैं, ताकि उसे जिंदा पकड़ा जा सके. टीम का मानना है कि आखिरी विकल्प शूट करना होगा. नवाब सफत अली खान ने बताया कि कोशिश हमारी हमेशा रहती है, इसे हम जिंदा ही पकड़ ले. अभी हमारे पास चार नए केज भी आए हैं. हमारे साथ भेट्नरी के डॉक्टर भी आ गए हैं. आदमखोर होने के बाद भी जानवर के व्यवहार में कुछ न कुछ रोल होता है. सूट करना आखरी विकल्प है, जब हम पूरी तरह से फेल हो जाते हैं. हमारी टीम उसे लोकेट कर रही है. वन विभाग का पूरा सहयोग मिल रहा है. डीएफओ शशि कुमार ने बताया कि हम लोगों ने ऑपरेशन तेंदुआ के नाम से एक अभियान चलाया हुआ है. एक विशेष टीम को बुलाया है, जिसने अपना काम शुरू कर दिया है. टीम के द्वारा काम भी प्रारंभ कर दिया गया है और उन्हें तेंदुए का लोकेशन भी प्राप्त हुआ है.
HIGHLIGHTS
- तेंदुए से छुटकारा दिलाने के लिए चलाया 'ऑपरेशन तेंदुआ'
- मेरठ से पिंजरा, हैदराबाद से आया शूटर
- अब नहीं बचेगा आदमखोर तेंदुआ
Source : News State Bihar Jharkhand