झारखंड में अब तक 53% ही बारिश हुई हुई. कम बारिश का सीधा असर किसानों को देखने को मिल रहा है. झारखंड के कई जिले सुखाड़ की चपेट में दिख रहे हैं. 37% से 38% भूमि पर धान की रोपनी हुई है. किसान परेशान हैं. कम बारिश के कारण किसानों की उम्मीदें टूटने लगी है. वहीं, कुछ किसान अभी भी बुआई में जुटे हैं कि शायद कुछ फसल की पैदावर हो जाए. इन सब के बीच झारखंड के कृषि मंत्री केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं. इस बार भी झारखंड में मानसून की अच्छी बारिश नहीं हो पाने का नुकसान खेती और किसानी पर सीधा पड़ रहा है. बावजूद इसके किसान अपने काम में जुटे हुए हैं.
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खेत में धान का बिचड़ा लगा रही उषा देवी को अपने फसल से बहुत उम्मीद नहीं है. बस बुआई इस उम्मीद में कर रहीं हैं कि कुछ हो जाए. समय पर बारिश नहीं होने से बिचड़ा तो खराब हो ही रहा है ,जो बुआई हुई भी है, उसके भी हालत बहुत अच्छे नहीं है. माथे पर बिचड़ा ले जा रही उषा देवी ने हालत बयान किए हैं.
झारखंड के 8 जिले में 80% से अधिक भूमि पर धान की रोपनी नहीं हो पाई है.
पलामू
गढ़वा
जामताड़ा
दुमका
धनबाद
गिरिडीह
कोडरमा
चतरा
अब तक पूरे राज्य में 38% ही धान रोपनी हुई है. पिछले साल भी लगभग 31% ही धान की रोपनी हो पाई थी, पिछले साल 256 प्रखंड सुखाड़ की चपेट में थे. लगातार दूसरे साल सुखाड़ के हालात पर कृषि मंत्री बादल ने बताया. 19 जिले में सामान्य से कम बारिश हुई है. साहेबगंज, गोड्डा ,सिमडेगा ,सरायकेला खरसावां छोड़ कर कर बांकि सभी जिले में कम बारिश हुई है. कुल मिला कर बात करें तो लगभग 38% बारिश कम हुई, जिससे रोपा प्रभावित रहा. कुल रकबा का मात्र 47% ही फसल आच्छादित हो पाया है. पूरे राज्य की स्थिति चिंताजनक है. राज्य सरकार एक्शन प्लान भी बना रही है. सारे इंडिकेट के रिपोर्ट मंगाए गए हैं.
झारखंड के कई जिले सुखाड़ की चपेट में
राज्य सरकार अब रवि की खेती पर भी अभी से फोकस कर रही है. केंद्र से एनडीआरएफ से कोई भी सहायता देने से मना कर दिया था. साथ ही केंद्र से बिना मांगे एक सुझाव आया था, एसडीआरएफ से हमें किसानों को राहत देना है. झारखंड कैपिंग स्टेट में आता है, जहां बिना परमिशन के 25% से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते हैं. इसके तहत 502 करोड़ ही खर्च किया जा सकता था, जो राज्य में पहले से पड़ा था. ऐसे में राज्य ने अपने वित्तीय प्रबंधन से किसानों को राशि देना होगा.
जेएमएम नेता ने केंद्र सरकार पर किया हमला
जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य ने पिछले साल भी सुखाड़ झेला, एक बार फिर सुखाड़ के हालत हैं. राज्य सरकार अपने तरफ से रिलीफ देने का काम कर रही है. केंद्र से पिछले साल भी खराब अनुभव रहा सुखाड़ को लेकर केंद्र से मदद नहीं मिली. इस बार भी राज्य सरकार ने भेजा है कि बुआई की संभावना नहीं है. परिस्थितियां विपरीत हैं, पर राज्य सरकार अपने स्तर से काम कर रही है.
बीजेपी नेता ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
बीजेपी नेता सुबोध सिंह ने सुखाड़ के हालात को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, झारखंड में किसान की स्थिति बदतर है. राज्य की सरकार किसानों के बारे में कुछ भी नहीं सोच रही है. केंद्र सरकार की जो योजना है, उससे किसान काम चला रहे हैं. पिछली सरकार की योजनाओं को भी राज्य सरकार ने बंद करने का काम किया है. लगातार दूसरे साल भी सुखाड़ के हालात ने झारखंड के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है, तो राज्य सरकार केंद्र पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगा रही है. इन सब के बीच सियासी आरोप प्रत्यारोप भी जारी है.
HIGHLIGHTS
- झारखंड के कई जिले सुखाड़ की चपेट में
- जेएमएम नेता ने केंद्र सरकार पर किया हमला
- बीजेपी नेता ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
Source : News State Bihar Jharkhand