जिला परिषद बोकारो की तरफ से चंदनकियारी में 5 करोड़ की लागत से राजस्व वसूली के उद्देश्य शॉपिंग मॉल बनाया गया था. वर्तमान में यह शॉपिंग मॉल जानवरों का तबेला बनकर रह गया है. मॉल में जानवर रहते हैं, जबकि मॉल की सीढ़ी पर गोबर का गोइठा रखकर सुखाया जाता है. बिना किसी मैपिंग कर करोड़ों की राशि को बर्बाद करने का आरोप चंदनकियारी के लोग लगा रहे हैं. मॉल बने 5 वर्ष से अधिक हो गया, लेकिन ना तो इसमें दुकानें लगी और ना ही कोई दुकानदार ही. इसमें दुकान खोलने के लिए जिला परिषद के पास आवेदन लेकर गया. सिर्फ ठेकेदार और निजी लाभ के लिए करोड़ों की राशि बर्बाद कर दी गई. वर्तमान समय में मॉल को मरम्मती की भी जरूरत पड़ेगी क्योंकि रखरखाव के अभाव में मॉल पूरी तरह से टूटने लगा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्देश्य तो अच्छा ही था, लेकिन सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से करोड़ों रुपए की बर्बादी कर दी गई है. ठेकेदारों के मन मुताबिक स्थल का चयन और योजना बनता है ताकि कोई प्रतिवाद ना हो. इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारी ही जिम्मेदार हैं क्योंकि जिला परिषद की बैठकों में विधायक से लेकर प्रखंड के प्रमुख तक बैठते हैं. वर्तमान समय में जनप्रतिनिधि अधिकारी के नौकर हो गए हैं. चंदनकियारी के भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि मॉल का निर्माण तो ठीक ही हुआ था, लेकिन चंदनकियारी के मुताबिक समय से पहले इसकी प्लानिंग कर दी गई. इसमें यह नहीं देखा गया कि वर्तमान में यहां की जरूरत क्या है, जिस कारण आज यही स्थिति हुई है.
वहीं जब इस मामले में डीडीसी सह जिला परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी कीर्ति श्री जी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अक्टूबर के अंत तक क्लोराइड मॉल के दुकानों का सामूहिक रूप से ऑक्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इस पर अधिकारियों ने ध्यान दिया था पर सफल नहीं हो पाए थे, लेकिन इस बार हम इस पर जरूर सफल होंगे.
Reporter- SANJEEV KUMAR
Source : News State Bihar Jharkhand