झारखंड के 22 वर्षों के इतिहास की तस्वीर 1932 का खतियान कैबिनेट में पारित होने के बाद जनता बदलाव देख रही है. झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन का 1932 का खतियान, ओबीसी को 27% आरक्षण को लेकर खतियानी जोहार यात्रा का आगाज किया गया है. यह यात्रा झारखंड के विभिन्न जिलों से होकर गुजर रहा है. जिसकी सराहना राज्य की जनता और झारखंड सरकार के सत्ता पक्ष के मंत्री, विधायक और सांसद कर रहे हैं. सत्ता पक्ष कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 वर्ष कोरोना काल के बीतने के बाद झारखंड का विकास का पिटारा खोला दिया है और अपना खजाना लुटाना शुरू कर दिया.
खतियान को लेकर विपक्ष ने साधा निशाना
इस खजाने से अरबों रुपए के विकास कार्य और 1932 का खतियान, ओबीसी को 27% आरक्षण सहित अन्य महत्वपूर्ण योजना जो राज्य विकास निर्माण कार्य में भूमिका निभाती है. उन्हें प्राथमिकता में शामिल कर मुख्यमंत्री ने झारखंडियों के लिए लागू किया. इन सभी उपलब्धियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने खतियानी जोहार यात्रा के माध्यम से झारखंड की जनता को अवगत करा रहे हैं और इन सभी विकास कार्यक्रमों से लाभान्वित होने का अवसर भी दे रहे हैं.
सोरेन के राजनीतिक करियर की अंतिम यात्रा 'जोहार यात्रा'
वहीं, विपक्ष ने जोहार यात्रा पर जमकर प्रहार किया है. विपक्ष के नेता कहते हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड की जनता को बेवकूफ बना रहे हैं. मुख्यमंत्री पहले 1932 के खतियान के नाम पर और अब ओबीसी को 27% आरक्षण देने के नाम पर झारखंडियों को ठगने का कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऐसा कर रहे हैं, जैसे झारखंड से उनका सौतेला रिश्ता हो. झारखंड की जनता माकूल जवाब तैयार कर ली है. इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक करियर की अंतिम यात्रा जोहार यात्रा होगी.
HIGHLIGHTS
- सीएम के जोहार यात्रा पर विपक्ष का हमला
- कहा- सीएम जनता को बेवकूफ बना रहे हैं
- जोहार यात्रा सीएम के राजनीतिक करियर की अंतिम यात्रा
Source : News State Bihar Jharkhand