झोलाछाप डॉक्टरों की जद में पलामू ,लड़कियां गर्भवती महिलाओं का कर रही ऑपरेशन
झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से पलामू में आए दिन कोई ना कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है. विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित संख्या तक नहीं है तो ऐसे में कार्रवाई तो दूर की बात है.
झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से पलामू में आए दिन कोई ना कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है. विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित संख्या तक नहीं है तो ऐसे में कार्रवाई तो दूर की बात है. झारखंड में स्वास्थ्य को लेकर कई प्रमुख योजनाएं संचालित हो रही हैं जिसमे केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से लेकर राज्य में मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना तक जिसमें 50 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज होता है, लेकिन इसके बावजूद लोग झोलाछाप डॉक्टर की तरफ रुख करने के लिए मजबूर हैं. एक तरफ जहां सरकार कहती है कि राज्य में गरीब लोगों को मुफ्त इलाज मिल रहा है लेकिन दूसरी ही तरफ आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा मौत का सिलसिला भी जारी है.
मरीजों के जान के साथ हो रहा खिलवाड़
फर्जी डॉक्टर अस्पताल खोल फल फूल रहे हैं और मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आपको बताते चले की कुछ दिन पहले हीं गढ़वा जिले में एक इंजिनयर गर्भवती महिला का इलाज कर रहा था अब आप खुद ही सोचिए के फर्जी डॉक्टरों के कारण कितनो की जान रोज जाती होगी. आलम ये है कि लड़कियां गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन कर रही हैं.
स्वास्थ्य विभाग है जिम्मेदार
वहीं, लोगों का आरोप भी मुख्यता स्वास्थ्य विभाग पर ही है. लोगों का कहना है कि अगर स्वास्थ्य विभाग एक्टिव होता तो आए दिन जो जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की चपेट में लोग आते रहते हैं वह नहीं होती. हालांकि इस पूरे मामले में पलामू सिविल सर्जन का कहना है कि जिले में ऐसे कई क्लीनिक, नर्सिंग होम है जो सरकार के बिना रजिस्ट्रेशन पर संचालित हो रहे हैं. उन सभी पर विभाग की नजर है और जिला स्वास्थ्य विभाग ऐसे अवैध क्लीनिक और नर्सिंगहोम के ऊपर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. वहीं, जिले में फर्जी डॉक्टरों को भी चिन्हित किया जा रहा है, फर्जी डॉक्टरों के ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि शहर से लेकर गांव तक कई ऐसे डॉक्टर्स हैं, जो बिना डिग्रियों के साथ इलाज कर रहे हैं. बकायदा उनके पास एलोपैथिक दवाओं का स्टॉक है. अब यह जांच का विषय है कि जब डॉक्टर अधिकृत ही नहीं है तो फिर वो कैसे अंग्रेजी दवाओं से इलाज कर रहे हैं, ये देखने वाली बात है कि इसमें आने वाले दिनों में कार्रवाई भी होती है या ऐसे हीं लोगो की जान के साथ खेल होता रहेगा.
रिपोर्ट - श्रवण पाण्डेय
HIGHLIGHTS
झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा मौत का सिलसिला है जारी
फर्जी डॉक्टर मरीजों के जान के साथ कर रहे हैं खिलवाड़