Advertisment

भ्रष्टाचारियों की कमाई का जरिया बनी पशुधन विकास योजना, लगे गड़बड़ी के आरोप

झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना वैसे तो महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए लाई थी, लेकिन ये योजना बस दलालों और भ्रष्टाचारियों के लिए कमाने का एक जरिया बनकर रह गई है.

author-image
Jatin Madan
New Update
Bokaro News

सरकारी ऑफिसों के चक्कर कगाने को मजबूर लाभुक.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

Advertisment

झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना वैसे तो महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए लाई थी, लेकिन ये योजना बस दलालों और भ्रष्टाचारियों के लिए कमाने का एक जरिया बनकर रह गई है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार समय समय पर कई योजनाएं लाती रहती है, लेकिन सालों बीत जाने के बाद भी महिलाओं के लिए जो बदलाव होना चाहिए, वो बदलाव समाज में देखने को मिला नहीं है और उसका एक ही कारण है भ्रष्टाचार. सरकार की योजना आते ही भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार के लिए तैयार बैठे होते हैं.

दलालों की कमाई का जरिया

दलालों ने महिलाओं को स्वावलंबी बनाने वाली योजना मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना को कमाई का जरिया बना दिया है. एक ओर दलाल और भ्रष्टाचारी अपने कारनामे से बाज नहीं आते हैं, तो दूसरी तरफ सरकारी अधिकारी की लापरवाही के चलते भी भ्रष्टाचारियों में कोई डर नहीं है. वो बिना किसी के डर से योजना के नाम पर सरकार को चूना लगा रहे हैं. यही कारण है की आपूर्तिकर्ता और लाभुक आपस में मिलकर योजना में गड़बड़ी करने में जुटे हुए हैं. ताजा मामला बोकारो के कसमार प्रखंड के दांतु पंचायत में सामने आया है. जहां चार लाभुकों के घर में इस योजना के तहत दी गई गाय घर तक पहुंची ही नहीं है. 

खुलेआम मच रही लूट 

वैसे सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की ये खबर नई नहीं है. शायद ही कोई सरकारी योजना हो जिसमें दलालों और अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार न हुआ हो, लेकिन इस योजना के नाम पर तो मानो दलालों और भ्रष्टाचारियों ने खुलेआम लूट मचाई है. योजना के तहत जहां महिलाओं को दुधारू गाय देनी की बात कही गई थी, लेकिन भ्रष्टाचारियों ने योजना के नाम पर इतनी लूटपाट मचाई कि लाभुकों फाइलों में तो गाय दे दी गई, लेकिन लाभुकों के घर तक गाय पहुंची ही नहीं. अगर किसी के घर तक गाय पहुंच भी गई, तो वैसे लाभुकों को दलालों ने गाय के इंश्योरेंस का कागज भी नहीं दिया.

यह भी पढ़ें : Jharkhand के शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahto का निधन, चेन्नई में ली अंतिम सांस

सरकारी ऑफिसों के चक्कर कगाने को मजबूर लाभुक 

योजना में दलालों ने तो अपना काम कर दिया और अब लाभुक करें भी तो क्या? सरकारी ऑफिस का चक्कर लगाते लगाते अंत में हार कर वो भी बैठ जाते हैं. क्योंकि जिस अधिकारी के पास लाभुक शिकायत लेकर पहुंचते है वो लाभुक की शिकायत सुनते ही कहां हैं और सुने भी तो कैसे ? भ्रष्टाचार में अधिकारी भी जो शामिल होते हैं वहीं इस घोटाले की बात जब जनप्रतिनिधि के पास पहुंची तो उनकी भी आंखे भटी की भटी रह गई.

लाखों रुपये का गबन

लाभुक के बयान से तो स्पष्ट है कि लाखों रुपये के घोटाले में लाभुकों के आंख में धूल छोककर दलालों ने लाखों रुपये का गबन किया है. योजना के लाभुक खुल कर घर में गाय नहीं आने की बात स्वीकार कर रहे हैं. बता दें कि इस योजना के तहत दांतु पंचायत के कई लोगों को गाय दी गई थी, लेकिन इन लोगों से दलालों ने सिर्फ योजना के नाम पर फोटों खींच कर घर भेज दिया. यही वजह योजना में लाखों रुपये का भ्रष्टाचार होने की बात पर मुहर लगाती है. 

HIGHLIGHTS

  • भ्रष्टाचारियों की कमाई का जरिया बनी पशुधन विकास योजना
  • पशुधन विकास योजना में लाखों रुपये का गबन
  • सरकारी ऑफिसों के चक्कर कगाने को मजबूर लाभुक 
  • दलालों की कमाई का जरिया बनी योजना

Source : News State Bihar Jharkhand

jharkhand-news Jharkhand government bokaro news Pashudhan Vikas Yojana Jharkhand
Advertisment
Advertisment
Advertisment