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आवास योजना के बाद भी कच्चे मकान में रहने को लोग मजबूर, Video ने खोली पोल

हर आदमी की ख्वाहिश होती है कि उसका भी एक अपना पक्का मकान हो, सिर छुपाने के लिए पक्की छत हो. ऐसे सपनों को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना और राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना की शुरुआत की है.

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Vineeta Kumari
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आवास योजना के बाद भी कच्चे मकान में रहने को लोग मजबूर( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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हर आदमी की ख्वाहिश होती है कि उसका भी एक अपना पक्का मकान हो, सिर छुपाने के लिए पक्की छत हो. ऐसे सपनों को साकार करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना और राज्य सरकार ने अबुआ आवास योजना की शुरुआत की है, लेकिन सही तरीके से जरूरतमंदों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ताजा मामला जिले के हिरणपुर प्रखंड के घघरजानी पंचायत के रानीकोला गंधाईटोला और मुर्गाडांगा से सामने आया है. जहां सरकार शायद इसी को अपना विकास मान रही हैं. दरअसल, इससे जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जो इन योजनाओं पर सवाल उठाते दिख रहा है. वीडियो के जरिए देखा जा सकता है कि कैसे आवास योजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र मे बसे लोगों तक पहुंच रही है.

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सरकारी आवास योजना का राह ताक रहे ग्रामीण

यहां गरीब वर्ग के लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से यहां के लोग अपने पुराने कच्चे मकान में रहकर पीएम आवास और अबुआ आवास की राह ताक रहे हैं. जयराम हेम्ब्रम ने बताया कि एक ही कमरे में बड़ी दिक्कतों से परिवार के चार लोगों के साथ रहकर गुजर बसर करना होता है. जिस वजह से पति-पत्नी मिलकर खुद मिट्टी लाकर अपने से ही कच्चे मकान बना रहे हैं. दरअसल, आवास को लेकर कई बार आवेदन भी दिया गया, लेकिन आश्वासन के अलावे कुछ नहीं मिला. जब सब्र का बाण टूटा, तो खुद निर्णय लिया कि कच्चे मकान बना कर ही रहना है. यही वजह है कि अपनी मजदूरी छोड़ पति-पत्नी ने अपने बच्चों के लिए आसियाना बनाना शुरू कर दिया.

कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं ये लोग

वहीं, मुर्गाडांगा की रहने वाली संजली मरांडी के माता-पिता गुजर चुके हैं. कुछ दिन पहले पति भी गुजर गए. अब वो अपने बच्चे के साथ छोटी सी झोपड़ी मे रहने को मजबूर है और किसी तरह मजदूरी कर अपने बच्चे का भरण पोषण कर रही हैं. ये भी आवास योजना की राह ताक रही थी, पर इन्हें भी निराशा हाथ लगी. इन्होंने भी कच्चा मकान बनाने का फैसला किया और आज इन्हें मजबूरन कच्चा मकान बनाना पड़ रहा है. सरकार द्वारा किया गया पक्का मकान वादा शायद सपना ही रह गया. इस गरीब परिवार का दर्द सुनने वाला कोई नहीं हैं, तभी तो आज ऐसे लोगों कों आवास योजना का लाभ नहीं मिला और खुद कच्चे मकान में ही रहने का फैसला कर कच्चा मकान बनाना शुरू कर दिया है. प्रशासन को जरूरत है तो ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए.

HIGHLIGHTS

  • सरकारी योजना की खुली पोल
  • कच्चे मकान में रहने को ग्रामीण मजबूर
  • नहीं मिल रहा योजना का लाभ

Source : News State Bihar Jharkhand

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