तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के सम्मान में आज सूबे के राजभवन में एक कार्यक्रम रखा गया था. कार्यक्रम में तमाम दिग्गज मौजूद थे. राष्ट्रपति द्रोैपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में झारखंड के प्राचीन इतिहास के बारे में संस्कृत के श्लोक का पाठन करके बताया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड की इस धरती को मैं प्रणाम करती हूँ. आप सबके स्नेहपूर्ण स्वागत ने मुझे भाव-विभोर कर दिया है. मुझे झारखंड आकर विशेष प्रसन्नता होती है. आप सब लोगों के बीच यहां आना, मुझे अपने घर आने जैसा ही लगता है.
झारखंड की इस धरती को मैं प्रणाम करती हूँ। आप सबके स्नेहपूर्ण स्वागत ने मुझे भाव-विभोर कर दिया है। मुझे झारखंड आकर विशेष प्रसन्नता होती है। आप सब लोगों के बीच यहां आना, मुझे अपने घर आने जैसा ही लगता है। pic.twitter.com/ApSaXPEktq
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बहुत प्राचीन है झारखंड की पहचान
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान झारखंड राज्य का अस्तित्व भले ही ज्यादा पुराना नहीं हो, लेकिन प्राचीन काल से ही, इस क्षेत्र की अलग पहचान रही है. भारतीय परंपरा में एक श्लोक उपलब्ध है, जो इस प्रकार है: अयस्क-पात्रे पय: पानम् शाल-पत्रे च भोजनम् शयनम् खर्जूरी पत्रे झारखण्डे विधीयते. अर्थात
झारखंड क्षेत्र में रहने वाले लोग, लोहे के बर्तन में पानी पीते हैं, साल के पत्ते पर भोजन करते हैं और खजूर के पत्तों पर सोते हैं.'
वर्तमान झारखंड राज्य का अस्तित्व भले ही ज्यादा पुराना नहीं हो, लेकिन प्राचीन काल से ही, इस क्षेत्र की अलग पहचान रही है। भारतीय परंपरा में एक श्लोक उपलब्ध है, जो इस प्रकार है:
अयस्क-पात्रे पय: पानम्
शाल-पत्रे च भोजनम्
शयनम् खर्जूरी पत्रे
झारखण्डे विधीयते।
अर्थात
झारखंड क्षेत्र में… pic.twitter.com/ti2mEmJkvJ— President of India (@rashtrapatibhvn) May 25, 2023
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि झारखंड जैसे क्षेत्रों में, मानव समुदाय को तथा जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को एक समान महत्व दिया गया है. इसीलिए, यहां के लोगों की मूल विचारधारा में समस्त प्रकृति एवं जीव जगत के लिए स्नेह, सम्मान एवं संरक्षण की भावना दिखाई देती है.
झारखंड जैसे क्षेत्रों में, मानव समुदाय को तथा जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को एक समान महत्व दिया गया है। इसीलिए, यहां के लोगों की मूल विचारधारा में समस्त प्रकृति एवं जीव जगत के लिए स्नेह, सम्मान एवं संरक्षण की भावना दिखाई देती है। pic.twitter.com/LDWr1sg9av
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झारखंड के सभी समुदाय एक-दूसरे का रखते हैं ध्यान
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि झारखंड के समाज की एक अन्य मौलिक विशेषता है, व्यक्ति की जगह समूह को महत्व देना. जब समाज की सोच सामूहिकता पर आधारित होती है तो समूह के सभी सदस्य एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं. सहकारिता और सामूहिकता की इस भावना को निरंतर और अधिक शक्तिशाली बनाना चाहिए.
झारखंड के समाज की एक अन्य मौलिक विशेषता है, व्यक्ति की जगह समूह को महत्व देना। जब समाज की सोच सामूहिकता पर आधारित होती है तो समूह के सभी सदस्य एक-दूसरे का ध्यान रखते हैं। सहकारिता और सामूहिकता की इस भावना को निरंतर और अधिक शक्तिशाली बनाना चाहिए। pic.twitter.com/bfMEKtYkKN
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HIGHLIGHTS
- राष्ट्रपति मुर्मू के झारखंड दौरे का आज दूसरा दिन
- राजभवन में राष्ट्रपति के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन
- राष्ट्रपति मुर्मू ने झारखंड की प्राचीनता को श्लोक के जरिए बताया
- राष्ट्रपति ने झारखंड की प्राचीन वास्तविकता बताई
Source : News State Bihar Jharkhand