झारखण्ड सरकार द्वारा गरीब लोगों को 5 रुपये में भोजन कराने की योजना लाई गई थी. गरीब तबके के लोग 5 रुपये में भरपेट खाना केन्द्र में खाते थे, लेकिन सरकार ने अब दाल भात केंद्र में खाना खाने आने वाले लोगों को अब फोटो खींचने का निर्देश संचालक को दिया है. नए नियम के तहत अब फोटो खींचना अनिवार्य कर दिया है. धनबाद सदर अस्पताल केम्पस में संचालीत दाल भात केंद्र में रिक्शा चलाने वाले, मजदूरी करने वाले लोग 5 रुपये में भरपेट खाना खाने वर्षों से पहुंच रहे हैं, लेकिन फोटो खींचने के नियम से उनलोगों को शर्मिंदगी महसूस हो रही है.
दाल भात केंद्र पर खींचा जा रहा फोटो
केन्द्र संचालन करने वाले लोग भी इसे गलत बता रहे हैं. दाल भात केंद्र खाना खाने आने वाले लोगों ने कहा कि पहले हस्ताक्षर या अंगूठा देकर खाना खाते थे. वहीं, अब फोटो खींचा जा रहा है. इससे असहज और शर्मिंदगी महसूस होती है. लोगों की मांग है कि सरकार इस नियम को बदले और गरीब का मजाक ना बनाये.
2011 में हुई थी योजना की शुरुआत
आपको बता दें कि 12 साल पहले यानी 2011 में तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने दाल भात योजना की घोषणा की थी. इस योजना के तहत गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को महज 5 रुपये में पेटभर खाना खिलाया जाता है. वहीं, इस योजना की शुरुआत जमशेदपुर में अलग-अलग पांच इलाकों में केंद्र खोल शुभारंभ किया था. धीरे-धीरे पूरे राज्य भर में सैकड़ों दाल भात के सेंटर खुल चुके हैं.
योजना में अंडे का फंडा
वहीं, इस योजना में कई बार घोटाला भी देखने को मिला, जहां संचालक महज एक अंडा देकर एक थाली की कीमत 20-25 रुपये वसूलते देखे गए. वहीं, इस योजना को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए धीरे-धीरे इस योजना के तहत कई बदलाव भी देखे गए. योजना में घोटाला होता देख यहां खाना खाने आए लोगों से आधार कार्ड और उनका साइन या अंगूठा भी लगवाया जाने लगा. वहीं, अब इस योजना के तहत लोगों ककी फोटो खींची जा रही है. अब देखना यह है कि इस नियम में बदलाव किया जाता है या नहीं.
HIGHLIGHTS
- दाल भात केंद्र पर खींचा जा रहा फोटो
- नए नियम से लोगों में शर्मिंदगी
- योजना में अंडे का फंडा
Source : News State Bihar Jharkhand