लोहरदगा जिला का वह प्रखंड जो कभी नक्सलियों के कब्जे के लिए जाना जाता था, जहां के लोग पठारी क्षेत्रों में तिरंगा झंडा फहराने से भय खाते थे. आज वहीं प्रखंड 40 हजार तिरंगों का निर्माण कर रहा है. लोहरदगा जिला का यह किस्को प्रखंड है, जो अपने सीमा क्षेत्र में प्रवेश मार्ग से ही नक्सलियों के कब्जे में रहने के लिए कभी जाना जाता था. इस इलाके में लोग अपनी खुशियां भी भय के साथ एक वक्त में मनाया करते थे, लेकिन अब समय के साथ किस्को प्रखंड की सूरत बदल गई है.
पलायन करने वाली महिलाओं के हाथों में अब सुई धागों की स्पीड ने पकड़ ली है. महिला मंडल से जुड़ी इन महिलाओं के द्वारा 40 हजार तिरंगा झंडा बनाने का कार्य किया जा रहा है, जो झारखंड राज्य के घर-घर तक पहुंचने का कार्य करेगा. इन महिलाओं का उत्साह चरम पर है क्योंकि कभी अपने घर की चौखट से बाहर कदम नहीं रखने वाली महिलाएं तो कुछ हमेशा पलायन कर दूसरे राज्य में काम करने वाली महिलाएं, अब देश की अखंडता को जोड़ने का कार्य कर रही हैं.
इन तिरंगों ने इनके आत्मसम्मान को भी बढ़ाने का कार्य किया है. किस्को प्रखंड मुख्यालय परिसर में स्थित भवन में इन झंडों का निर्माण कार्य हो रहा है. लोहरदगा में बने इन तिरंगों को झारखंड राज्य के घर-घर तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा. इन महिलाओं ने कहा कि कभी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर इन्हें तिरंगा झंडा देखने को मिलता था, लेकिन अब यह इनके लिए गर्व की बात है कि सरकार की नीति के तहत घर-घर तिरंगा फहराया जाएगा और वह तिरंगा इन महिलाओं के हाथों से बने होंगे. वक्त के साथ तिरंगे को लहराते हुए देख इनका आत्मसम्मान और भी बढ़ता हुआ दिखाई देगा.
Source : News Nation Bureau