धनबाद में प्लास्टिक फैक्ट्री बनी जी का जंजाल, ग्रामीणों ने फैक्ट्री का किया विरोध

ग्रामीणों का हुजूम प्लास्टिक फैक्ट्री के बाहर इसे बंद कराने के लिए उमड़ पड़ा है लोगों की शिकायत है कि इस फैक्ट्री के वजह से उनके ग्रामीण क्षेत्र में हवा जहरीली हो रही है लोग बीमार पड़ रहे हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

author-image
Rashmi Rani
New Update
pollution

प्लास्टिक फैक्ट्री बनी जी का जंजाल( Photo Credit : NewsState BiharJharkhand)

Advertisment

देश भर के 287 शहरों में वायुमंडल में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10) डेटा के विश्लेषण के आधार पर तैयार रिपोर्ट में झारखंड के धनबाद जिले को देश का दूसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बताया गया है. धनबाद को देश का कोयला राजधानी का दर्जा प्राप्त है. देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन के बदले हमें वायु प्रदूषण की बड़ी सौगात मिल रही है. ऊपर से प्लास्टिक रिसाइक्लिंग की फैक्टीयां ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की सेहत खराब कर रही है. धनबाद शहर से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर गोविंदपुर के साबलपुर में संचालित एक प्लास्टिक रिसाइक्लिंग फैक्ट्री में अपशिष्ट पदार्थों को जलाने से ना सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ रहा है बल्कि ग्रामीण बीमार भी हो रहे हैं.

ग्रामीणों का हुजूम प्लास्टिक फैक्ट्री के बाहर इसे बंद कराने के लिए उमड़ पड़ा है लोगों की शिकायत है कि इस फैक्ट्री के वजह से उनके ग्रामीण क्षेत्र में हवा जहरीली हो रही है लोग बीमार पड़ रहे हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है. दुर्गंध से वातावरण दूषित हो रहा है. लोगों ने मॉर्निंग वॉक पर आना छोड़ दिया है. वहीं, इस फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को स्थानिय नदी (जोरिया) में बगैर फिल्टर किये बहाया जा रहा है. जिससे नदी में नहाने वाले ग्रामीणों, एवं पशु-पक्षी त्वचा सम्बन्धी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री प्रबन्धन पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की मांग की है.

हालांकि फैक्टी संचालक का कहना है कि उनकी फैक्टी से प्रदूषण होता ही नहीं है. वहीं, प्रदूषण नियमों का पालन करवाने के लिए जिन्हें जिम्मेवारी मिली है वो जांच के बाद कार्रवाई की बात कह पल्ला झाड़ते नजर आते हैं.

यह भी पढ़ें : CM हेमंत सोरेन की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से की मुलाकात

धनबाद में बढ़ते प्रदूषण के आंकड़ों की बात करें तो करीब छह महीने पहले नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (National Clean Air Programme) के तहत लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरमेंट (लाइफ) नामक संस्था की स्टडी रिपोर्ट के अनुसार अनुसार धनबाद के लोग वायु प्रदूषण की वजह से अपने जीवन का 7.3 साल गंवा देते हैं. शिकागो यूनिवर्सिटी की संस्था एपिक की ओर से इसी साल जून महीने में जारी वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक पर झारखंड को रखें तो वायु प्रदूषण की वजह से यहां के निवासियों की जीवन में औसत 4.4 साल की कमी आ जाती है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे ज्यादा प्रदूषित राज्यों में झारखंड आठवें नंबर पर है. ऐसे में अगर इन फैक्टरी संचालकों की मनमानी पर रोक नहीं लगाई गई तो स्थिति कितनी भयावह होगी यह सोच कर ही सिहरन आ जाती है.

रिपोर्ट - नीरज कुमार 

HIGHLIGHTS

  • प्लास्टिक फैक्ट्री को बंद कराने के लिए ग्रामीणों ने किया विरोध
  • बढ़ते वायु प्रदूषण से है ग्रामीण हो रहे बीमार
  • सबसे ज्यादा प्रदूषित राज्यों में झारखंड 8वें नंबर पर 

Source : News State Bihar Jharkhand

Dhanbad news Dhanbad latest news Plastic factory particulate matter National Clean Air Programme
Advertisment
Advertisment
Advertisment