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रूबिका कांड पर 'सियासी' संग्राम, पहाड़िया जनजाति को ये कैसा संरक्षण ?

रुबिका नाम की एक लड़की की हत्या कर उसे कोई दिलदार अंसारी 50 टुकड़े में काट देता है तो अगले ही दिन पहाड़िया जनजाति की एक लड़की के साथ सद्दाम बलात्कार की घटना को अंजाम  दे देता है. तो सवाल उठना लाजिमी है कि फिर आदिवासियों के वोटबैंक के बूते बनी सरकार क

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Shailendra Shukla
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रूबिका कांड पर 'सियासी' संग्राम, पहाड़िया जनजाति को ये कैसा संरक्षण ?( Photo Credit : न्यूज स्टेट बिहार झारखंड)

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आज से 22 साल पहले जो झारखंड आदिवासियों के हितों की रक्षा करने के नाम पर अलग राज्य बना. जिस राज्य की मांग की नींव ही आदिवासियों और मूलवासियों के हितों के ऊपर टिकी थी. जिस राज्य की सियासत आदिवासी वोट बैंक के सहारे चलती है. जिस राज्य की सत्ता का समीकरण आदिवासी वोटों के ज़रिए साधा जाता है. जिस झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है यानी आदिवासी बहुल इलाकों की हैं और जिस राज्य में पहाड़िया आदिम जनजाति की आबादी करीब 50 हजार की संख्या में है और जिस राज्य के संथाल इलाकों में इनकी संख्या रहती है, वो संथाल जहां से सीएम हेमंत सोरेन आते हैं और संथाल के जिस साहेबगंज में सत्ताधारी पार्टी जेएमएम का गढ़ है. उस राज्य के संथाल के साहेबगंज में पहाड़िया जनजाति की लड़कियां सुरक्षित नहीं है. 

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रुबिका नाम की एक लड़की की हत्या कर उसे कोई दिलदार अंसारी 50 टुकड़े में काट देता है तो अगले ही दिन पहाड़िया जनजाति की एक लड़की के साथ सद्दाम बलात्कार की घटना को अंजाम  दे देता है. तो सवाल उठना लाजिमी है कि फिर आदिवासियों के वोटबैंक के बूते बनी सरकार के होने का फायदा क्या? आदिवासियों और जनजातियों के हितैषी होने का दंभ भरने नेताओं के होने का फायदा क्या? खास तौर पर जब पहाड़िया जनजाति की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए की योजना चलाई जाती है. सरकार इन पर अलग से ध्यान देती है. इनकी ज़िंदगी सरकार के लिए बेशकीमती होती है. तब भी इनकी ज़िंदगी यूं ही कोई दिलदार अंसारी और कोई सद्दाम जब मर्जी बेरहमी से खत्म कर देता है या नरक बना देता है. तो सवाल तो उठेगा ही. रूबिका कांड पर सियासत के अलावा कुछ होता नज़र नहीं आ रहा.

सवाल आपका 

  • रूबिका को कब मिलेगा इंसाफ ?
  • विधानसभा से लोकसभा तक BJP का हमला
  • साहिबगंज कांड को लेकर 'सियासी' संग्राम
  • पहाड़िया जनजाति को ये कैसा संरक्षण ?
  • एक के बाद दूसरी वारदात से उठे सवाल

क्या हुआ रूबिका कांड में

  • रूबिका-दिलदार 2 साल से रिलेशन में थे
  • रूबिका-दिलदार शादी करना चाहते थे
  • दोनों के परिवार शादी का विरोध कर रहे थे
  • एक महीने पहले दोनों ने लव मैरिज की
  • घर से भाग थाने पहुंचे, पुलिस ने शादी कराई
  • पुलिस को रूबिका के शव के 12 टुकड़े मिले
  • आरोपी ने रूबिका के इलेक्ट्रिक कटर से टुकड़े किए
  • शव के टुकड़े कर अलग-अलग जगह फेंके
  • पुलिस ने आरोपी दिलदार को गिरफ्तार किया
  • आरोपी ने रूबिका के कई टुकड़े किए 

पहाड़िया जनजाति के बारे में

  • आदिवासियों की 32 जनजातियों में से एक है पहाड़िया जनजाति
  • यह जनजाति पहाड़ों पर रहती है
  • पहाड़ों पर एक जगह ज्यादा से ज्यादा 20-25 घर होते हैं
  • लगातार इस जनजाति की संख्या घटती जा रही है
  • जिले में इनकी आबादी 80-85 हजार के आसपास है
  • 90 प्रतिशत पहाड़िया धर्मांतरण कर ईसाई बन चुके हैं
  • संताल परगना की प्रमुख आदिवासी जनजाति संताल से इनकी प्रतिद्वंद्विता है

HIGHLIGHTS

  • विधानसभा से लोकसभा तक BJP का हमला
  • साहिबगंज कांड को लेकर 'सियासी' संग्राम
  • पहाड़िया जनजाति को ये कैसा संरक्षण ?

Source : Shailendra Kumar Shukla

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