हेमंत कैबिनेट में हुए एक फैसले ने झारखंड का सियासी पारा हाई कर दिया है. फैसला पूर्व मंत्रियों पर जांच से जुड़े प्रस्ताव का है, जिसपर मुहर लगने के बाद प्रदेश के 5 पूर्व मंत्रियों पर जांच की तलवार लटकने लगी है. दरअसल, पिछली सरकार में मंत्री रहे पांच लोगों की संपत्ति की जांच राज्य सरकार कराएगी. इन मंत्रियों में अमर बाउरी, लुइस मरांडी, रणधीर सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा और नीरा यादव शामिल हैं. बता दें कि इन सभी मंत्रियों पर आय से अधिक संपत्ति का मामला है.
इन मंत्रियों पर लटकी तलवार
जिनपर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है. इन पूर्व मंत्रियों की संपत्ति की जांच अब एंटी करप्शन ब्यूरो करेगी. एसीबी के पीई यानी प्रिलिमिनरी इनक्वायरी दर्ज करने के प्रस्ताव पर झारखंड कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद पिछली सरकार के इन मंत्रियों की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. दरअसल, पंकज कुमार यादव ने रघुवर दास सरकार में मंत्री रहे पांच लोगों के खिलाफ पीआईएल दर्ज कर इनकी संपत्ति में 198 से 1120 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को अप्रत्याशित बढ़ोतरी बताते हुए जांच की मांग की थी.
झारखंड का सियासी पारा किया हाई
ऐसे में कैबिनेट में जांच को मिली मंजूरी ने सियासी बयानबाजी तेज कर दी है और बीजेपी इसे सियासत से जोड़कर देख रही है. बीजेपी सरकार पर सियासत करने का आरोप लगा रही है, तो वहीं सत्ता पक्ष का दो टूक कहना है कि सरकार का ये फैसला जनहित याचिका पर लिया गया है. अगर जांच में कोई भी दोषी पाया जाएगा, तो उसपर कार्रवाई जरूर होगी. बहरहाल, जांच के दायरे में पूर्व मंत्री है तो सियासत तो होगी ही. अब देखना ये होगा कि वार-पलटवार के बीच जांच की आंच में कौन-कौन तपता है.
HIGHLIGHTS
- हेमंत कैबिनेट के फैसले के बाद सियासत
- झारखंड का सियासी पारा किया हाई
- इन मंत्रियों पर लटकी तलवार
Source : News State Bihar Jharkhand