बोकारो में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की तस्वीरें सामने आई है. जहां 2 हजार से ज्यादा छात्रों वाले स्कूल में सिर्फ 11 कमरे हैं. प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने खुद स्कूल भवन निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी आज स्कूल की हालत जस के तस है. शिक्षा व्यवस्था को लेकर झारखंड सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में जमीन-आसमान का फर्क है. एक तरफ छात्रों को शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं और दूसरी ओर स्कूलों में छात्रों को बैठने के लिए कमरे तक नसीब नहीं हो रहे. कुछ ऐसा ही नजारा है बोकारो के राम रूद्र प्लस टू उच्च विद्यालय का, जहां सैंकड़ों छात्र मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
दरअसल राज्य सरकार की ओर से छात्रों के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत बोकारो जिले में 3 स्कूल को सीबीएसई विद्यालय घोषित किया गया है. इसी में से एक स्कूल है राम रूद्र प्लस टू उच्च विद्यालय चास जहां 2200 छात्र नामांकित है, लेकिन बैठने के लिए सिर्फ 11 कमरे हैं. लिहाजा छात्रों को पढ़ने और शिक्षकों को पढ़ाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि एक बेंच पर 6-6 बच्चे बैठने को मजबूर हैं. छात्रों को हर पीरियड में क्लासरूम बदलना पड़ रहा है.
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने 5 मार्च 2022 को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के तहत भवन निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी, लेकिन लगभग एक साल बीतने को है और स्कूल भवन बनना तो दूर निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है और शिक्षा विभाग की अनदेखी का दंश स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और शिक्षक झेल रहे हैं.
बहरहाल स्कूल प्रबंधन और छात्रों को इंतजार है कि शिक्षा विभाग स्कूल भवन निर्माण शुरू करे. ताकि हजारों छात्रों की परेशानी खत्म हो सके और छात्र बिना किसी समस्या के अपना भविष्य संवार सके.