झारखंड (Jharkhand) की दो राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होने हैं और इसके लिए विधानसभा में सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. चुनाव मैदान में इन दोनों सीटों के लिए सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा, उसकी सहयोगी कांग्रेस और भाजपा के एक-एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. झारखंड विधानसभा के उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए सभी तैयारियां कर ली गयी हैं. इन चुनावों में 81 सदस्यीय विधानसभा के 79 सदस्य मतदान करेंगे क्योंकि दो सीटें रिक्त हैं.
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राज्यसभा की दोनों सीटें राजद के राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता और निर्दलीय परिमल नाथवाणी का कार्यकाल पूरा होने के चलते रिक्त हुई हैं. इन सीटों के लिए 26 मार्च को मतदान होने थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इन चुनावों को टाल दिया गया था. इन चुनावों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता और झामुमो मुखिया शिबू सोरेन मैदान में हैं, वहीं भाजपा की ओर से उसके प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस ने शहजादा अनवर को अपना उम्मीदवार बनाया है.
झारखंड में वोटों के गणित के आधार पर झामुमो के प्रमुख शिबू सोरेन और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन कांग्रेस के शहजादा अनवर के भी मैदान में आ जाने के बाद चुनाव दिलचस्प हो गया है. लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी. झारखंड में वोटों का गणित भाजपा और झामुमो प्रत्याशी के पक्ष में दिख रहा है, हालांकि क्रॉस वोटिंग के बाद गणित के गड़बड़ाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दुमका विधानसभा सीट छोड़ने और कांग्रेस के बेरमो विधायक राजेंद्र सिंह के निधन से 81 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 79 सदस्य ही हैं. दो सीटों के चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार को 27 वोटों का जादुई अंक पाना जरूरी है.
झामुमो 29 विधायकों वाली पार्टी है, इस कारण शिबू सोरेन का राज्यसभा पहुंचना तय माना जा रहा है. 25 विधायकों वाली भाजपा के उम्मीदवार प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश भी वोटों के गणित में जीत के लिए आश्वस्त हैं. बाबूलाल मरांडी के भाजपा में आने और ऑल झारखंड स्टूंडेंट यूनियन (आजसू) के दो विधायकों के समर्थन तथा निर्दलीय विधायक अमित यादव के प्रकाश के साथ आने के बाद भाजपा का गणित फिट है.
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इधर, कांग्रेस के फिलहाल 15 विधायक हैं. झामुमो के दो अतिरिक्त वोट, राजद के एक और भाकपा माले के एक वोट को भी गिन लें तो यह संख्या 19 तक पहुंचती है. झारखंड विकास मोर्चा से अलग हुए प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के वोट को भी जोड़ लिया जाए तो संख्या 21 तक पहुंचती है. इस स्थिति में कांग्रेस के लिए यह चुनाव जीतना आसान नहीं दिख रह है. हालांकि विधायक कमलेश सिंह व सरयू राय ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
Source : News Nation Bureau