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झारखंड में कृषि टैक्स को लेकर विरोध जारी, दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद

झारखंड में कृषि टैक्स को लेकर अब व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में है. इसी कड़ी में चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने बुधवार से अनिश्चितकालीन खाद्यान्न दुकान बंद करने का फैसला लिया है.

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Jatin Madan
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कृषि बाजार अध्यक्ष मनोज नरेदी( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

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झारखंड में कृषि टैक्स को लेकर अब व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में है. इसी कड़ी में चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने बुधवार से अनिश्चितकालीन खाद्यान्न दुकान बंद करने का फैसला लिया है. इसको लेकर कृषि बाजार अध्यक्ष मनोज नरेदी का कहना है कि झारखंड में 2015 में इसे निरस्त कर दिया गया था, लेकिन फिर से सरकार ने इसे क्यों लागू किया है... ये समझ से परे है. उन्होंने कहा कि झारखंड एक खनिज संपदाओं से भरा राज्य है. यहां कृषि टैक्स सही नहीं है. कृषि बाजार अध्यक्ष ने कहा कि पड़ोसी राज्य जैसे बिहार, बंगाल और यूपी में ऐसा कोई टैक्स नहीं है. इस टैक्स से किसी को फायदा नहीं होने वाला है. आपको बता दें कि इस बंदी में सभी तरह की दुकानें बंद रहेंगी.

कृषि टैक्स को लेकर विवाद क्यों?
झारखंड सरकार ने कृषि बाजार समिति टैक्स लागू किया
कृषि बाजार शुल्क के रूप में 2% टैक्स वसूलने की तैयारी
टैक्स लागू होने से लोगों को अनाज महंगे दर पर मिलेगा
चावल, दाल, गेंहू, मोटा अनाज, मसाला महंगा हो जाएगा
पड़ोसी राज्यों में कृषि उत्पाद पर बाजार शुल्क नहीं लगता
सीमावर्ती इलाके के व्यापारी पड़ोसी राज्यों से अनाज लेंगे
जिससे बड़ी संख्या में व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ेगा

सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप
कृषि विधेयक को लोहरदगा में भी विरोध देखने को मिला. आंदोलनकारियों ने झारखंड सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. इस दौरान चैम्बर ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष रितेश कुमार ने कहा कि कृषि विधेयक के विरोध में यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. जिलाध्यक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि विधेयक के बहाने सरकार ने व्यवसायियों के साथ-साथ आमजनों को भी ठगने का काम किया है. सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती है तो 15 फरवरी से राज्य में खाद्यान्न के कामों पर रोक लगा दी जाएगी.

सांसद संजय सेठ का सीएम पर निशाना
वहीं, कृषि बाजार टैक्स को लेकर रांची सांसद संजय सेठ ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कृषि टैक्स को बीजेपी सरकार ने हटा दिया था, लेकिन हेमंत सरकार इसे दोबारा ला रही है. सांसद ने प्रदेश सरकार पर गरीबों को लूटने का आरोप लगाया. साथ ही कहा कि सरकार को जल्द इसे वापस कर लेने की जरूरत है.

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HIGHLIGHTS

  • कृषि टैक्स को लेकर विरोध जारी
  • कल से कानून के विरोध में दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद
  • व्यापारियों का सरकार पर निशाना

Source : News State Bihar Jharkhand

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