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लातेहार सदर अस्पताल पर उठे सवाल, फर्श पर मरीज, AC में अधिकारी

लातेहार जिले में बने एकमात्र सदर अस्पताल जिलेभर के मरीजों के लिए बनाया गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि रात गहराते ही सीनियर डॉक्टर ड्यूटी से गायब हो जाते हैं.

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Vineeta Kumari
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लातेहार सदर अस्पताल पर उठे सवाल( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

लातेहार जिले में बने एकमात्र सदर अस्पताल जिलेभर के मरीजों के लिए बनाया गया है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि रात गहराते ही सीनियर डॉक्टर ड्यूटी से गायब हो जाते हैं. इमरजेंसी में कॉल करने पर भी उनके आने की बात भगवान ही बता सकते हैं. वार्ड में एडमिट मरीजों की जिम्मेदारी वहां के नर्स के भरोसे है, तो किसी मरीज़ का भाग्य वहां के जूनियर डॉक्टर के भरोसे रहता है. रात्रि में जूनियर डॉक्टरों का दर्शन भी दुर्लभ है. 

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अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति

न्यूज स्टेट की टीम लातेहार सदर अस्पताल के विभिन्न परिस्थितियों का जायजा लेने पहुंची, तो रात में विभिन्न विभागों के डॉक्टर अस्पताल से नदारद थे. जबकि अस्पताल में भर्ती एक गर्भवती महिला पेट के दर्द से कराह रही थी. उनके परिजन डॉक्टर की काफी तलाश कर थक चुके थे, लेकिन उस वक्त 2 नर्स के अलावा अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था.

फर्श पर मरीज, एसी में अधिकारी

जब न्यूज़ स्टेट की टीम वार्ड से सटे एक बंद कमरे का गेट खटखटाती है, तब अस्पताल के एक डॉक्टर बाहर आते हैं, वह भी आधी नींद में. मानो किसी पर मेहरबानी करने निकले हैं, जब कैमरा ऑन कर न्यूज़ स्टेट की टीम ने सवाल पूछा तब डॉक्टर साहब गुस्से में लाल पीले हो गए. कैमरा बंद करने के लिए बोलते रहे, फिर भी उनसे सवाल किया जाता है कि सर यहां के मरीजों की शिकायत है कि रात में डॉक्टर नहीं रहते हैं और ना ही कोई डॉक्टर मरीजों की जांच के लिए आते हैं. वह कैमरा में कुछ भी बोलने से बचते रहे और फिर दरवाजा बंद करके सो जाते हैं. 

ना दवा, ना इलाज, ना पानी, ना डॉक्टर

सदर अस्पताल में बदइंतजामी का आलम यही खत्म नही होता है,बल्कि इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. दरअसल, सदर अस्पताल 100 बेड से लेस है.अस्पताल में कई बेड खाली भी पड़े रहते है.बावजूद मरीज के परिजन सदर परिसर में जमीन पर सोते हुए नजर आना आम बात है. कहने को तो सदर अस्पताल लातेहार का सबसे बड़ा अस्पताल है.लेकिन  विभागीय लापरवाही के कारण सदर अस्पताल की व्यवस्था चरमराई हुई है.अस्पताल में गर्म पानी की भी कोई सुविधा नही है.लिहाजा मरीज को गर्म पानी की जरूरत पड़ने पर दो-चार होना पड़ता है.खासकर रात में गर्म पानी की जरूरत पड़ने पर काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ता है.सदर अस्पताल में ऊपर जो वार्ड है उनकी स्तिथि और भी विकराल है.ऊपर के वार्ड में न पानी की व्यवस्था है और न ना ढंग का खाना मिलता है.कुल जमा यह है कि मीनू के हिसाब से मरीजों को खाना न देकर उसके पर सेंधमारी की जा रही है.

HIGHLIGHTS

  • ना दवा, ना इलाज, ना पानी, ना डॉक्टर
  • अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
  • फर्श पर मरीज, AC में अधिकारी
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Source : News State Bihar Jharkhand

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