एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने झारखंड के खेल मंत्री रहे बंधु तिर्की को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में बंधु तिर्की को रांची के सिविल कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया है. राष्ट्रीय खेल घोटाला में यह तीसरी गिरफ्तारी है. इसके पहले एसएम हाशमी और पीसी मिश्रा को इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके साथ ही टेंडर कमेटी के चार अन्य सदस्यों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है.
बंधु तिर्की खेल घोटाला मामले में अप्राथमिकी अभियुक्त हैं. तिर्की ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाइकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले निचली अदालत ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
यह भी पढ़ें- बिहार : अपनी मांगों को लेकर लगातार 8वें दिन भी हड़ताल पर बैठे हैं सफाई कर्मी, लगा गंदगी का अंबार
बतादें कि एक सप्ताह पहले जस्टिस एके चौधरी की अदालत में 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में बंधु तिर्की की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई थी, जिसमें श्री तिर्की ने कहा था कि एसीबी को उनके खिलाफ इस मामले में कोई सबूत नहीं मिला. इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. लेकिन, बाद में उनकी याचिका खारिज कर दी गयी.
पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप हैं. गौरतलब है कि स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गयी थी. कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का एस्टीमेट दिया था. आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद इस प्रस्ताव की फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गयी थी.
बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर, 2008 को इसे अनुमोदित कर दिया. इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो