रांची के सेना जमीन घोटाले में ED ने बड़ी कार्रवाई की. जहां ED ने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को आज विशेष अदालत में पेश किया गया. इस बीच मामले ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है. बता दें कि सेना की जमीन को फर्जी तरीके से बेचने के आरोप में अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सेना की कब्जे वाली जमीन को हेराफेरी से बेचने वाले जमीन माफियाओं के बीच हड़कंप है. क्योंकि घोटाले की एक एक कड़ी ED जोड़ने में लगी है और इसी कड़ी में कारोबारी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को गिरफ्तार किया गया है.
क्या है मामला
कोलकाता में पूछताछ के बाद दोनों को अरेस्ट किया गया. बता दें कि दिलीप घोष जगतबंधु टी स्टेट कंपनी का मालिक है तो वहीं इसी कंपनी में अमित अग्रवाल सहयोगी है. जहां दिलीप घोष पर फर्जी कागजात के आधार सेना की जमीन खरीदने का आरोप है तो वहीं अमित अग्रवाल पर पूर्व IAS छवि रंजन के साथ मिलकर इस साजिश को रचने का आरोप लगा है. आरोप है कि फर्जी कागजात के आधार पर प्रदीप बागची ने दिलीप घोष को जमीन बेची थी और डील के लिए छवि रंजन को एक करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था. कोलकाता के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन के मूल दस्तावेज में जालसाजी हुई. इसके बाद प्रदीप बागची के पिता को जमीन का मालिक बनाया गया और इसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर जगतबंधु टी स्टेट को सिर्फ 7 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी गई थी . जबकि इसी जमीन की सरकारी कीमत करीब 20 करोड़ है. अब इस मामले में दिलीप, अमित और छवि रंजन समेत 10 लोगों की गिरफ्तार हो चुकी है.
मामले पर राजनीति शुरू
दोनों की गिरफ्तारी के बाद ईडी दफ्तर में ही मेडिकल चेकअप करने के लिए सदर अस्पताल की मेडिकल टीम बुलाई गई, जहां दोनों का मेडिकल चेकअप हुआ. अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को ईडी के विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां कोर्ट में पेशी के बाद दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. ईडी की तरफ से दोनों के लिए पांच दिन के रिमांड की मांग की गई. सेना जमीन घोटाले में जहां ईडी आरोपियों पर शिकंजा कस रही है तो वहीं इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. जहां बीजेपी प्रदेश सरकार पर झारखंड को लूटने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है तो वहीं JMM भी बीजेपी पर पलटवार करने से नहीं चूक रही.
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बीजेपी ने सरकार को घेरा
इस मामले पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि झारखंड को लूटने और लुटवाने वाले के साथ संरक्षण देने वाले सत्ताधारी दल के बड़े नेता हैं. अब तो जांच प्रारंभ हुई है जब परत दर परत चीजें खुलेगी तो जांच कहां जा कर रुकेगा, जांच के उपांत ही पता चलेगा. पर भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को सजा मिलनी ही चाहिए. बीजेपी प्रदेश महामंत्री ने कहा, जिस तरीके से जनता के साथ विश्वासघात हुआ है, जनता के हकमारी कर व्यक्तिगत संपत्ति खड़ा करने का जो खेल हुआ है उसकी जांच ईडी कर रही है. इसकी जद में कई और लोग जायेगें. राज्य की जनता को छला गया है.
जेएमएम ने किया पलटवार
वहीं, बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि ईडी एक संवैधानिक संस्था है वो अपना काम कर रही है. मौजूदा जो गिरफ्तारी हुई है उस पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं. पर बीजेपी सवाल खड़े करती है तो बड़ा हास्यास्पद लगता है. बीजेपी क्या इन्हीं संवैधानिक संस्थाओं के भरोसे है क्या, ईडी सहित और भी संवैधानिक संस्थाओं की जो सक्रियता झारखंड में दिखती है. वो सक्रियता बीजेपी शासित राज्यों में भी दिखता तो देश के लोगों को सुखद अनुभूति होती. वर्तमान में प्रयास किया जा रहा है हेमंत सोरेन को परेशान और प्रताड़ित करने का, इनसे वो लोग रणनीतिक तौर पर न तो मुकाबला नहीं कर पाते हैं, न कर पायेंगे.
बहरहाल अब सियासत है तो होगी है, लेकिन इस सब के बीच ED के एक्शन से भूमाफियाओं में खलबली जरूर मच गई है.
HIGHLIGHTS
- सेना जमीन घोटाले में अमित अग्रवाल और दिलीप घोष की हुई पेशी
- विशेष अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा
- रिमांड पर सुनवाई आज
Source : News State Bihar Jharkhand