Ranchi News: 8 दिनों की NIA रिमांड पर हार्डकोर नक्सली दिनेश गोप, 102 मामले हैं दर्ज

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को NIA की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे 8 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है. आपको बता दें कि आईबी की सूचना पर रविवार को एनआईए और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दिनेश गोप को गिरफ्तार नेपाल से किया था.

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Jatin Madan
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Dinesh Gope( Photo Credit : फाइल फोटो )

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पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को NIA की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे 8 दिनों की रिमांड पर भेजा गया है. आपको बता दें कि आईबी की सूचना पर रविवार को एनआईए और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दिनेश गोप को गिरफ्तार नेपाल से किया था. जिसके बाद उसे दिल्ली की निचली अदालत में पेश कर 2 दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया गया. झारखंड बिहार और उड़ीसा के कई थानों में दिनेश गोप के खिलाफ हत्या रंगदारी और लेवी वसूलने का आरोप है. हार्डकोर नक्सली दिनेश गोप के खिलाफ कुल 102 मामले दर्ज हैं.

बीजेपी नेता से मांगी थी रंगदारी 

आपको बता दें कि दिनेश गोप पर 25 लाख का इनाम घोषित था. हाल में ही दिनेश गोप ने एक बीजेपी नेता से रंगदारी मांगी थी. आरोपी ने बीजेपी रांची महानगर जिला के महामंत्री बलराम सिंह से 10 एके-47 राइफल की मांग की थी और राइफल नहीं देने पर अंजाम भुगतने की भी धमकी दी थी. इस संबंध में बलराम सिंह ने गोंदा थाने में 19 मई को दिनेश गोप के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी.

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शहरों में रहने लगे थे व्यवसायी

आपको बता दें कि दिनेश गोप के आंतक के चलते कई ग्रामीण इलाकों के व्यवसायी गांव छोड़कर शहरों में रहने लगे थे. दिनेश ने अपने नाम से एक अरराधिक गिरोह भी बना रखा था और बाद में उसका नाम बदल कर जेएलटी रख दिया था. सरकार ने दिनेश गोप के इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद इसने अपने संगठन का नाम बदल कर पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया रख दिया था. जिसे भी बाद में बैन कर दिया गया. इसकी कई बार पुलिस से मुठभेड़ भी हो चुकी थी. इसका मुख्य काम फिरौती मांगना और हत्या करना था.

दिनेश गोप कैसे बना PLFI सुप्रीमो?

  • दिनेश गोप का चयन सेना की नौकरी के लिए हुआ था
  • सेना की ओर से ज्वाइन करने के लिए उसे पत्र भी भेजा गया
  • गांव के दबंगों ने पत्र को कभी उसके घर नहीं पहुंचने दिया
  • दबंगों के करतूत का पता उसके भाई सुरेश गोप को हुई
  • सुरेश गोप ने दबंगों के खिलाफ बगावत करनी शुरू कर दी
  • सुरेश गोप का संबंध नक्सलियों से बताया जाता रहा है
  • इस बीच 2000 में पुलिस की गोली से सुरेश गोप की मौत हो गई
  • भाई की मौत के बाद दिनेश गोप उड़ीसा भाग गया
  • कुछ दिन बाद दिनेश गोप उड़ीसा से वापस लौटा
  • अब दिनेश गोप का नाम और काम दोनों बदल चुका था
  • अब वो गांव का दिनेश नहीं, बल्कि गिरोह का सरगना बन गया
  • 2001 में भाकपा माओवादी संगठन से अलग होकर अपना अलग दस्ता बनाया 
  • गिरोह की सक्रियता सिलादोना और मारंगहादा तक बढ़ी
  • गिरोह ने जल्द ही मारंगहादा को अपने प्रभाव क्षेत्र में ले लिया
  • 2006 में इस दस्ते का विलय जेएलटी में हो गया
  • 20 जुलाई 2007 को इस हथियारबंद दस्ते को एक नया नाम मिला PLFI

HIGHLIGHTS

  • दिनेश गोप को 8 दिनों की रिमांड पर भेजा गया 
  • दिनेश गोप के खिलाफ कुल 102 मामले हैं दर्ज
  • बीजेपी नेता से मांगी थी रंगदारी 
  •  दिनेश गोप के आंतक से डरकर शहरों में रहने लगे थे व्यवसायी

Source : News State Bihar Jharkhand

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