राजधानी रांची में धार्मिक न्यास बोर्ड की बैठक पहाड़ी मंदिर पर हुई. जिसमें नई कमेटी का गठन किया गया. वहीं, दूसरी ओर मंदिर के बाहर न्यास बोर्ड के खिलाफ पुराने कमिटी के सदस्य ने विरोध जताया. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि मन्दिर में न्यास बोर्ड की राजनीति नहीं चलेगी. जिस तरीके से मन्दिर में कमिटी बनाई गई है ये पुरी तरह से गलत है. HC में मामला होने के बावजूद भी कमेटी का ताला तोड़ा जा रहा है जो गलत है. वहीं, इस विरोध पर न्यास बोर्ड का कहना है कि समझ नहीं आ रहा है कि आखिर ये विरोध क्यों कर रहे हैं? इन्हें विरोध नहीं बल्की कमिटी का सहयोग करना चाहिए.
क्या है धार्मिक न्यास बोर्ड का फैसला?
- राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने मंदिर कमेटियों को भंग करने का फैसला किया.
- रांची का पहाड़ी मंदिर, मेन रोड रांची का बजरंग बली मंदिर, इटखोरी का भद्रकाली मंदिर समेत 15 मंदिरों के प्रबंधन कमेटी को भंग करने का फैसला.
- बंशीधर मंदिर गढ़वा, देउरी मंदिर तमाड़ और कमरे आश्रम समेत कई प्रबंध समिति को नोटिस भेज कर प्रबंधन से जुड़ी डिटेल मांगी.
- नई मंदिर कमेटियों में प्रशासनिक अधिकारियों के दखल को कम किया गया.
- जिन कमेटियों में डीसी या एसडीओ शामिल थे उन्हें भी मुक्त किया गया.
- अधिकारी काम के चलते मंदिर प्रबंधन में समय नहीं दे पाते- न्यास बोर्ड.
मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघर में भी बने कमेटी
आपको बता दें कि धार्मिक न्यास बोर्ड के फैसले के बाद से ही मंदिर के समर्थक और बीजेपी इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. हाल ही में मंदिर समर्थकों द्वारा मशाल जुलूस के साथ इसका विरोध प्रदर्शन भी किया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि आखिरकार मंदिर में ही कमेटी क्यों बनाई जा रही है? मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरजाघर में भी कमेटी बनानी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- धार्मिक न्यास बोर्ड कमेटी का विरोध
- पहाड़ी पर हुई धार्मिक न्यास बोर्ड की बैठक
- नई कमेटी का हुआ गठन
Source : News State Bihar Jharkhand