Ranchi RIMS: झारखंड के स्वास्थ्य महकमा का लाइफ लाइन कहे जाने वाले अस्पताल रिम्स की पोल एंबुलेंस में पड़े व्यक्ति की मौत ने खोल दी. मामले का खुलासा तब हुआ, जब न्यूज़ स्टेट की टीम के संवाददाता ने ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट दिखाई. राज्य सरकार एक तरफ दावा करती है कि करोड़ों रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर से रिम्स का डेवलपमेंट हर महीने किया जा रहा है. देश के तमाम आधुनिक डॉक्टर रांची में मौजूद हैं और चिकित्सीय व्यवस्था बेहतरीन तरीके से लोगों को दिया जा रहा है. सरकार ने स्वास्थ्य महकमे में बेहतरीन पहल की है, लेकिन ये सारी व्यवस्थाएं तब फिसड्डी साबित हो जाती है, जब कोई व्यक्ति सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से इलाज कराने के लिए रिम्स पहुंचता है.
उसे एंबुलेंस से उतारने के लिए ना ही कोई डॉक्टर मिलता है और ना ही कोई चिकित्सा कर्मी. यहां तक कि ऑक्सीजन भी समय पर नहीं मिलती. तब ऐसे व्यवस्था में झारखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाले रिम्स अस्पताल फिसड्डी साबित होती है और महकमे पर सवाल खड़ा होना लाजमी है. सरकार कहती है कि टीकाकरण से लेकर रेल लेबर रूम तक ऐसी आधुनिक व्यवस्था है, जिसमें हर महिला-पुरुष को नई जिंदगी दी जाती है. रिम्स हॉस्पिटल का आलम यह है कि लोग अपनी मौत को अपनी आंखों से देखते हैं और ऐसी व्यवस्था पर अपना विचार प्रकट करने से भी डरते हैं.
यह पहली बार नहीं है जब रिम्स से ऐसी खबर सामने आई हो. इससे पहले भी रिम्स हॉस्पिटल से सिटी स्कैन और एमआरआई की मशीनें खराब होने की खबर सामने आ चुकी है, जिससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. वहीं सरकारी दावे भी महज दावे ही बनकर रह गए हैं.
HIGHLIGHTS
- रिम्स की खुली पोल
- एंबुलेंस में पड़े मरीज की मौत
- सरकार के दावे खोखले
- जिंदगी से जंग हारा मरीज
Source : News State Bihar Jharkhand